अपने ही प्रदेश में हो गए बेगाने, अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा ने उठाया मुद्दा

By: Oct 11th, 2021 12:06 am

राज्य में मेडिकल शिक्षा में अनदेखी पर अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा ने उठाया मुद्दा

सिटी रिपोर्टर—ऊना

अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा चेयरमेन राजेश ठाकुर के नेतृत्व में दिल्ली में बसे हिमाचलियों का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से नई दिल्ली में मिला। हिमाचल मंत्रिमंडल नई दिल्ली के मुख्य संरक्षक किशोरी लाल शर्मा ने बताया कि अपनी ही जन्मभूमि में प्रवासी हिमाचल वासियों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा में दाखिल होने का अधिकार नहीं हैं, क्योंकि 2018 में हिमाचल की भाजपा सरकार ने बाहरी राज्यों में रह रहे प्रवासी हिमाचल वासियों के बच्चों के लिए मेडिकल शिक्षा में दाखिला राज्य कोटा प्रतिबंध किया हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रवासी हिमाचल वासियों के बच्चों को अपनी जन्मभूमि में अपने ही पैतृक घर में बाहरी होने का दंश झेलना पड़ रहा है। मेडिकल शिक्षा में प्रतिबंध और सौतेले व्यवहार का सामना भी करना पड़ रहा है।

प्रवासी हिमाचल वासियों के मेडिकल शिक्षा अधिकार राज्य कोटा की बहाली के लिए अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा ने एक बड़ा अभियान हमारा अधिकार हमे मिले के तहत हिमाचल सरकार से राज्यपाल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व मुख्य सचिव सहित प्रदेश के सभी तीनों सांसदों प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, किशन कपूर और एक राज्य सभा सांसद इंदू गोस्वामी को आपना मांग पत्र ज्ञापन सौंपा हैं। लेकिन अभी तक कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुख का विषय है कि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि जनता को ही प्रताडि़त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस गंभीर विषय पर 17 अक्तूबर को मोर्चा की एक अहम बैठक तय की गई है। उसमें मेडिकल शिक्षा अधिकार को बहाल करवाने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। सभी समर्थन देने वाली सहयोगी संस्थाओं से चर्चा करके गहरा मंथन किया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में कर्नल प्रेम चौधरी, किशोरी लाल शर्मा, अधिवक्ता निर्मल शर्मा, मेहर चंद राणा, अधिवक्ता सुरजीत चंदेल, विपिन शर्मा, राजेंद्र ठाकुर इत्यादि मौजूद रहे।


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