ऑनलाइन शॉपिंग से तगड़ा झटका

By: Oct 27th, 2021 12:20 am

पांवटा साहिब में फेस्टिवल सीजन में भी बाजार सूने, कई व्यापारी पेशा छोडऩे को मजबूर

धीरज चोपड़ा – पांवटा साहिब
ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में जंग छिड़ चुकी है। ग्राहकों की जेबों में ऑनलाइन के बढ़ते हाथों ने ऑफलाइन बाजार के गल्ले खाली कर दिए हैं। दीपावली का त्योहार नजदीक है। यही समय होता है जब व्यापारी अपने पूरे साल का फायदा निकाल लेता है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के प्रति लोगों की बढ़ती दीवानगी ने दुकानदारों के लिए चिंता की खाई खोद दी है। आलम यह है कि बाजार सुनसान पड़े हैं। लोग घरों में बैठकर ही पसंद का हर सामान ऑर्डर कर रहे हैं । फिर वह चाहे कपड़े हों या एसी। इसके पीछे प्रमुख वजह ऑनलाइन स्तर पर मिल रही छूट भी है। 50 फीसद से ज्यादा डिस्काउंट के कारण लोग अब बाजारों में जाकर खरीददारी करना ही नहीं चाहते। इससे दुकानदारों का सामान बिक नहीं रहा है। दि कंफीडे्रशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुसार ऑनलाइन डिस्काउंट के कारण छोटे दुकानदारों को 30-40 फीसद का घाटा हर महीने हो रहा है। कई दुकानदार अपना धंधा बंद करने की योजना बना रहे हैं। पिछले कुछ सालों में जितनी तेजी से ऑनलाइन बाजार में अपनी पैठ बनाई है उसे देखते हुए फिक्की ने अनुमान लगाया है कि 2021 तक पांच लाख 21 हजार करोड़ रुपए का कारोबार यह कंपनियां करेंगी। अभी हाल में ही इन कंपनियों ने फेस्टिवल सीजन में 19 हजार करोड़ रुपए का सामान छह दिन में बेचा। इसकी वजह से ऑफलाइन बाजार हल्का पड़ गया। दीपावली पर सबसे ज्यादा खरीददारी की उम्मीद की जाती है, लेकिन इस बार मार्केट बहुत ज्यादा ठंडी है। ऑनलाइन बिक्री ने सबके सपनों को तोड़ दिया है। पांवटा साहिब शहर के दुकानदार रजत ने बताया कि कंपनियां हमें महंगे उत्पाद देती हैं।

मोबाइल कंपनियां अपने कुछ मॉडल्स सिर्फ इन ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ही बनाती हैं। किसी मोबाइल के अगर 15 मॉडल उपलब्ध हैं तो उसमें से तीन सिर्फ ऑनलाइन मार्केट में ही मिलेंगे। ऑनलाइन मिलने वाले मोबाइल और ऑफलाइन मिलने वाले मोबाइल की कीमतों में भारी अंतर है। यही अंतर ग्राहकों को ऑनलाइन की तरफ भेज रहा है। आईफोन 11 की कीमत ऑनलाइन 59 हजार रुपए है तो रिटेल में यही मोबाइल 65 हजार का मिल रहा है। यही हाल एमआई और रियलमी कंपनियों के मोबाइल का भी है। दोनों के ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमतों में 12-13 फीसद का अंतर है। बता दें कि ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों को ई-कॉमर्स कंपनियां कहा जाता है। इनमें एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मिंत्र आदि शामिल हैं। भारत में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा है और 50 से ज्यादा ई-कॉमर्स कंपनियां सक्रिय हैं। यह ई-कॉमर्स कंपनियां उत्पादकों से सीधा डील करती हैं और माल उठाती हैं। इन कंपनियों को माल कम दाम पर उपलब्ध हो जाता है, जिससे ग्राहकों को भारी रियायत मिल जाती है। रिटेलर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। (एचडीएम)

कीमतों में भारी अंतर से ढंूढे नहीं मिल रहे ग्राहक
ऑनलाइन मिलने वाले मोबाइल और ऑफलाइन मिलने वाले मोबाइल की कीमतों में भारी अंतर है। यही अंतर ग्राहकों को ऑनलाइन की तरफ भेज रहा है। आईफोन 11 की कीमत ऑनलाइन 59 हजार रुपए है तो रिटेल में यही मोबाइल 65 हजार का मिल रहा है।

15 करोड़ ग्राहक, 50 ई-कॉमर्स कंपनियां
भारत में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा है और 50 से ज्यादा ई-कॉमर्स कंपनियां सक्रिय हैं। फिक्की ने अनुमान लगाया है कि 2021 तक पांच लाख 21 हजार करोड़ रुपए का कारोबार यह कंपनियां करेंगी।


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