उपराष्ट्रपति के अरुणाचल दौरे से बौखलाया ड्रैगन, चीन की कड़ी आपत्ति पर भारत ने दिखाया आईना

By: Oct 14th, 2021 12:06 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अरुणाचल प्रदेश दौरे से चीन को जबरदस्त मिर्ची लगी है। चीन ने उपराष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की है। चीन की इस आपत्ति पर बुधवार को भारत ने भी करारा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ऐसी टिप्पणियों को खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। भारतीय नेता नियमित रूप से राज्य की यात्रा करते हैं, जैसा कि वे भारत के किसी अन्य राज्य में करते हैं। दरअसल उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बीते नौ अक्तूूबर को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने राज्य विधानसभा के स्पेशल सत्र को संबोधित भी किया था।

विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश की विरासत पर विस्तार से चर्चा की थी और कहा था कि यहां अब हाल के वर्षों में परिवर्तन की दिशा और विकास की गति में तेजी के रूप में नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उपराष्ट्रपति के दौरे से चीन बुरी तरह बिफर उठा है। बीजिंग ने बुधवार को कहा कि उसने अरुणाचल प्रदेश को राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी है। उपराष्ट्रपति के दौरे पर अपनी आपत्ति जताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजयान ने कहा कि सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है…चीनी सरकार कभी भी भारतीय पक्ष द्वारा एकतरफा और अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देती है, और संबंधित क्षेत्र में भारतीय नेताओं की यात्राओं का कड़ा विरोध करती है।

हम भारतीय पक्ष से चीन की प्रमुख चिंताओं का ईमानदारी से सम्मान करने, सीमा मुद्दे को जटिल और विस्तारित करने वाली कोई भी कार्रवाई बंद करने और आपसी विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों को कम करने से बचने का आग्रह करते हैं। चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसके बजाय उसे चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए वास्तविक ठोस कार्रवाई करनी चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास की पटरी पर लाने में मदद करनी चाहिए।

अरुणाचल हिंदुस्तान भारत का अभिन्न हिस्सा

चीनी प्रवक्ता के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के एक राज्य में देश के एक नेता के जाने पर चीन की आपत्ति बेवजह और भारतीय नागरिकों के समझ से परे हैं। हमने चीन के आधिकारिक प्रवक्ता की तरफ से आए बयान को देखा है। हम ऐसी बातों को खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।

एलएसी के बाकी मुद्दे हल करे चीन

श्री बागची ने कहा कि भारत चीन सीमाक्षेत्र के पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति चीनी पक्ष द्वारा द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन करके यथास्थिति बदलने की एकतरफा कोशिशों के कारण उत्पन्न हुई है। इसलिए हम अपेक्षा करते हैं कि चीनी पक्ष ऐसे असंगत मुद्दों को उठाने के बजाय सभी द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉलों का पूर्णत: पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बाकी बचे मसलों के जल्द समाधान के लिए काम करे।


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