देवताओं के लिए नजराने से ज्यादा आस्था जरूरी

By: Oct 22nd, 2021 12:10 am

हीरा लाल ठाकुर — भुंतर
ऐतिहासिक कुल्लू दशहरा-2021 सरकार और प्रशासन के लिए बडा संदेश देकर गुरुवार को समाप्त हो गया। बिना नजराने की आस के साथ उत्सव में भाग लेने जिला भर के 285 देवी-देवता भगवान रघुनाथ इस बार पहुंचे और सात दिनों तक देवमिलन कर सरकार और प्रशासन सहित उन सभी को चौंका दिया, जो देवसमाज की एकता को तोडऩे की कुछ सालों से कोशिश में लगे हुए हैं। आजादी के बाद पहली बार सबसे ज्यादा संख्या में पहुंचे देवताओं और देवलुओं ने साफ संदेश दिया है कि देवताओं के लिए नजराने से ज्यादा देव आस्था ज्यादा अहम है। कुल्लू दशहरा उत्सव गुरुवार को लंका दहन की परंपरा के साथ समाप्त हुआ और भगवान रघुनाथ वापस रघुनाथपुर लौटे। इस बार देवभूमि कुल्लू के ऐतिहासिक दशहरा उत्सव में तमाम अटकलों के बीच रिकार्ड 285 देवी-देवता ढालपुर मैदान में देवलुओं संग हाजिर हुए। सरकार की ओर से नजराने देने से हाथ खड़ा करने के बावजूद अधिष्ठाता रघुनाथ के सम्मान की खातिर जिला भर के देवताओं उनके दरबार में पहुंच एकजुटता की मिसाल पेश कर दी है तो देव संस्कृति को अपने स्वार्थ के लिए कुचलने की चेष्ठा करने वालों को करारा जवाब भी दिया है। जानकारी के अनुसार देश के आजादी के बाद पहली बार इतनी संख्या में देवता उत्सव में शरीक होने पहुंचे हैं। बता दें पिछली सदी के पांचवें दशक के बाद से दशहरा उत्सव से देवताओं की संख्या घटने को सिलसिला आरंभ हो गया था और करीब तीन दशकों तक यह सिलसिला चलता रहा।

हालांकि बाद में दशहरा उत्सव समिति ने देवताओं के लिए नई सुविधाएं देने का ऐलान किया, जिसके बाद देवता फिर से उत्सव में भाग लेने लगे। 21वीं सदी के आगाज तक देवताओं की संख्या 200 के पार पहुंचने लगी। साल 2010 की बात करें तो उत्सव में 210 देवता पहुंचे थे तो 2015 में इनकी संख्या 230 के पार हो गई। 2019 में 278 देवता दशहरा में आए तो गत वर्ष कोविड के कारण केवल पांच देवताओं को न्योता मिला था तो इस बार भी कोविड संक्रमण के कारण कम देवताओं के आने का अंदेशा जताया जा रहा था। गौर रहे कि पिछले साल दशहरा उत्सव में देवताओं को न्योता न मिलने के कारण देव समाज और देवताओं में भारी नाराजगी पनपी थी। नाराजगी का स्तर इस कदर था कि जगती तक देवताओं ने बुलाई। इस बार देव समाज के भारी दबाव के कारण देवताओं को न्योता देने के लिए तो उत्सव समिति राजी हुई, लेकिन देवताओं को नजराना देने से हाथ खड़े कर दिए। हालांकि गत दिन इसकी घोषणा जरूर की गई है, लेकिन इससे पहले ही उत्स्व आरंभ हो गया था।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App