खाद किल्लत-कालाबाज़ारी का करीबी रिश्ता

By: Oct 21st, 2021 12:02 am

सांसद हुड्डा बोले, मंडियों में लुटा किसान अब फसल बीजने की कर रहा चिंता

चंडीगढ़, 20 अक्तूबर (संजय अरोड़ा)

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में खाद की घोर किल्लत और खाद की कालाबाजारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मंडियों में लुटा-पिटा किसान अब अगली फसल बुआई न हो पाने, फसल बर्बादी के डर से खाद पाने के लिए मिन्नतें कर रहा है। किसान का पूरा परिवार यहां तक कि घर के बुजुर्ग और बच्चे भी भूखे-प्यासे लाइनों में लगकर खाद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। किसान इस बात से दु:खी है कि पर्याप्त खाद नहीं मिली, तो अगली फसल की बिजाई भी नहीं हो पाएगी। इससे किसान पर दोहरी मार पड़े रही है। उसकी एक फसल तो बर्बाद हो गयी और अब रबी की फसल की बिजाई नहीं हो पाएगी। इससे सबसे बुरी तरह से वो किसान मारा जाएगा जो ठेके पर जमीन लेकर खेती करके अपने परिवार को पालता है। उन्होंने आरोप लगाया कि खाद किल्लत के पीछे सीधे.सीधे कालाबाजारी प्रमुख कारण है। क्योंकि खाद किल्लत और कालाबाज़ारी का करीबी रिश्ता है, जो बिना सरकारी संरक्षण के संभव नहीं। दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की। दीपेंद्र हुड्डा ने बताया कि पूरे प्रदेश में खाद किल्लत बनी हुई है। 62 कोआपरेटिव मार्केटिंग सोसायटीज और करीब 600 पैक्स समितियों में भी खाद उपलब्ध नहीं है। उन्होंने खाद की कमी नहीं होने के सरकार के खोखले दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर हरियाणा में खाद की किल्लत नहीं है तो थानोंए पुलिस चौकियों से टोकन बांटने की नौबत क्यों आ गयी है। पुलिस खाद के टोकन बांट रही है और प्रदेश में अपराधी बेखौफ हो गए हैं। प्रदेश भर से आ रही खबरें सरकारी दावों को झुठला रही हैं। खबरों से स्पष्ट है कि प्रदेश में 3 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत के सापेक्ष इस समय मात्र 40 हजार मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध है। उन्होंने सवाल किया कि अन्नदाता से सरकार आखिर कौन से जन्म का बदला ले
रही हैघ् सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार खाद उपलब्धता के झूठे दावे करने की बजाय तुरंत पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने पर ध्यान दे। (एचडीएम)


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