Coaching Centres: अब कोचिंग सेंटर्स पर नजर रखेगी सरकार, मिली परमिशन
मिली परमिशन, शिक्षण नियामक आयोग के दायरे में आएंगे सभी प्रशिक्षण केंद्र
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला
हिमाचल प्रदेश में चल रहे सैकड़ों कोचिंग सेंटर अब शिक्षण नियामक आयोग के अधीन आ गए हैं। राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने प्रदेश सरकार को इस बारे में पत्र लिखा था, जिसे अब मंजृूरी मिल गई है। इन संस्थानों मंे लगातार चल रही अनियमितताओं और गड़बडि़यों की देखते हुए अब इन पर नकेल कसने की तैयारी है। अभी तक इन कोचिंग सेंटर का कोई भी रिकॉर्ड किसी भी विभाग के पास नहीं है। न तो शिक्षा विभाग और न ही जिला प्रशासन का पूरा चैक इन कोचिंग संस्थानों पर है। यही कारण है कि मान्यता से लेकर, पढ़ाई और फीस का स्ट्रक्चर किस आधार पर तय होता है, यह कोचिंग संस्थान खुद ही तय करते हैं। हालांकि इनमें बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन कई बार इन कोचिंग सेंटर के खिलाफ मनमानी की शिकायतें भी सामने आई हैं।
ऐसे मंे अब नियामक आयोग ने भी इसके लिए कमेटी गठित की है ताकि इन पर पूरा चैक रखा जा सके। प्रदेश में सैकड़ों कोचिंग संस्थान चल रहे हैं। नीट, इंजीनियरिंग, बैंकिंग के अलावा अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए ये कोचिंग देते हैं। कोचिंग की एवज में बच्चों से लाखों रुपए फीस के तौर पर चार्ज किए जाते हैं। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई जिलों में चल रहे इन संस्थानों की फीस प्रोफेशनल डिग्री कोर्स और विश्वविद्यालय से कहीं ज्यादा है। अभिभावकों के पास कोई ऑप्शन नहीं होती। मजबूरन इन्हें अपने बच्चों को इन्हीं कोचिंग संस्थानों में दाखिला करवाना पड़ता है।
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