अब सीनियोरिटी भी गई; आचार संहिता के चलते रेगुलर होने में देरी, तो वरिष्ठता में भी पिछड़े कर्मचारी

By: Oct 18th, 2021 12:06 am

आचार संहिता के चलते रेगुलर होने में देरी, तो वरिष्ठता में भी पिछड़े कर्मचारी

सोनिया शर्मा-शिमला

उपचुनावों की आचार संहिता के कारण हजारों कर्मचारी न केवल समय पर रेगुलर हो पाए, बल्कि सीनियोरिटी का नुकसान भी हो रहा है। एक ओर जब चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि अनुबंध से रेगुलर करने में अनुमति जल्दी मिल जाएगी, इसके बावजूद कई विभाग ये मंजूरी लेने में देरी कर रहे हैं। कई प्रशासनिक सचिव यह केस ही चुनाव आयोग को नहीं भेज रहे। तीसरा असमंजस यह है कि कुछ जिलों में कर्मचारी अनुबंध से रेगुलर कर दिए गए और उसी कैडर में दूसरे जिला में अभी रेगुलर नहीं हुए। इससे सीनियोरिटी के झगड़े भी बढ़ेंगे। उपचुनाव की आचार संहिता के चलते कुछ जिलों में सी एंड वी और जेबीटी शिक्षकों को रेगुलर करने का मामला लटका हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग को इसके लिए चुनाव आयोग से मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन कुछ जिलों के डिप्टी डायरेक्टर ने तीन साल पूरे कर चुके सी एंड वी और जेबीटी शिक्षकों को रेगुलर कर दिया है।

इसमें प्रदेश के चार जिलों हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर ने कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया है। मंडी में चुनाव आचार संहिता थी, लेकिन डीसी की अनुमति से जेबीटी रेगुलर कर दिए। शिमला, सोलन, कुल्लु, कांगड़ा, लाहुल-स्पीति, चंबा और किन्नौर में कर्मचारियों को अभी तक रेगुलर नहीं किया गया है। यदि शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों की बात करें तो आयुर्वेद, गृह विभाग और परिवहन विभागों की मंजूरी भी अभी पेंडिंग है। महिला एवं बाल विकास विभाग में भी सुपरवाइजर और गृह विभाग में फायरमैन रेगुलर होने का इंतजार कर रहे हैं। (एचडीएम)

कार्मिक विभाग का आदेश

कार्मिक विभाग ने 30 मार्च 2021 को अधिसूचना जारी कर कहा था कि 31 मार्च और 30 सितंबर को तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा, लेकिन ये रेगुलराइजेशन डेट आफ आर्डर से होगी। यानी ये नियमितीकरण बैक डेट से नहीं हो सकता। राज्य में उपचुनाव की घोषणा के साथ 28 सितंबर को चुनाव आचार संहिता लग गई और 30 सितंबर वाले इसमें फंस गए। अब जिस डेट से आर्डर होगा, उसी डेट से रेगुलर सर्विस और सीनियोरिटी
शुरू होगी।

क्या कहते हैं जिलों के शिक्षा उपनिदेशक

बिलासपुर के डिप्टी डायरेक्टर सुदर्शन कुमार ने बताया कि बिलासपुर में आचार संहिता लागू नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया गया है। शिमला जिला में डिप्टी डायरेक्टर मीनाक्षी शारदा ने बताया कि चुनाव आयोग से इसके लिए परमिशन नहीं मिली है। मंडी जिला के डिप्टी डायरेक्टर अमरनाथ राणा ने बताया के जिला मंडी में डीसी की ओर से सी एंड वी शिक्षकों के लिए परमिशन पेंडिंग है।

एलिमेंट्री शिक्षकों से भेदभाव क्यों!

शिमला। नियमितीकरण के लिए तीन साल अनुबंध सेवाकाल की सेवाएं पूरी कर चुके एलिमेंट्री शिक्षकों से ही भेदभाव किया जा रहा है जबकि उच्च शिक्षा एवं अन्य विभागों में सेवारत अनुबंध कर्मचारियों को अक्तूबर की पहली तिथि से ही नियमित कर दिया गया है। प्रदेश राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डा. मनोज शैलग ने कहा कि शिक्षकों के नियमितिकरण के लिए दोहरे मापदंड क्यों अपनाए जा रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा के सभी वर्गों के नियमितिकरण की प्रक्रिया आठ जिलों में रूकी हैं जबकि सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर इत्यादि जिलों में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के द्वारा नियमितीकरण के अभ्यर्थियों की सूची डाल दी गई है जबकि जिन जिलों में मध्यावधि चुनाव प्रस्तावित हैं वहां पर नियमितीकरण की प्रक्रिया को रोक दिया गया है।

सिर्फ तीन कला अध्यापक हुए प्रोमोट

सिटी रिपोर्टर-ऊना

टीजीटी कला अध्यापकों को पदोन्नति न देने पर टीजीटी कला संघ ने कड़ा एतराज जताया है। संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि आगामी हैडमास्टर पदोन्नति सूची में कला अध्यापकों को उचित प्रोमोशन नही दिया जाता है तो संघ इस मामले को लेकर उच्च न्यायलय का रुख करेगा। राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने कहा कि अप्रैल, 2021 में उच्च शिक्षा विभाग ने टीजीटी से हैडमास्टर की पदोन्नति सूची जारी की थी। जिसमें 270 शिक्षक हैडमास्टर प्रोमोट हुए। इस सूची में केवल तीन टीजीटी कला शिक्षक ही हैडमास्टर बने और शेष 267 पदों पर टीजीटी मेडिकल, नॉन-मेडिकल और प्रोमोटी लेक्चरर पदोन्नत हुए। उन्होंने कहा कि शिक्षक संघ अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगा। इस अवसर उपाध्यक्ष मदन लाल, महासचिव विजय हीर, डेलीगेट्स संजय ठाकुर, देश राज, दुनी चंद, ओमप्रकाश, संगठन शाखा सचिव वीरभद्र नेगी, सोहन सिंगटा, रणवीर तोमर, देशराज शर्मा, डा. सुनील दत्त, जिलाध्यक्ष संजय वर्मा, सीताराम, राजेंद्र ठाकुर, विजय, सुभाष भारती, राकेश चौधरी, संजय चौधरी, रविंद्र गुलेरिया, रामकृष्ण, पुष्पराज, अमित छाबड़ा सहित अन्य मौजूद थे।


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