1360 पेड़ों को काटने की परमिशन

By: Oct 22nd, 2021 12:21 am

प्रोपोजल को मिली मंजूरी, एसजेपीएनएल वन विभाग को करेगा 2.60 करोड़ भुगतान

बृजेश चौहान-शिमला
शिमला शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई करने के के लिए सतलुज जल प्रोजेक्ट के तहत शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड को 1360 पेड़ काटने की अनुमति मिल गई है। एसजेपीएनएल की ओर से वन विभाग को इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 1660 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से 1360 पेड़ काटने की अनुमति एसजेपीएनएल को मिल पाई है। ऐसे में अब इन 1360 पेड़ों के एवल में एसजेपीएनएल वन विभाग को दो करोड़ 60 लाख रुपए देगा। वहीं वन विभाग भी इन पैसों से हिमरी की सीए साइट में पेड़ लगाएगा। बीते महीने ही इस पूरे प्रोजेक्ट पर एसजेपीएनएल को केंद्र सरकार के वन मंत्रालय ने फोरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई थी, जिसके बाद शुरुआती चरण में इसका कार्य भी शरू कर दिया गया था। लेकिन पहले चरण का काम कर रहे ठेकेदार ने अभी तक प्रोजेक्ट का एसआईपी एसजेपीएनएल को नही सौंपा है, जिसके चलते अभी काम रुका हुआ है। वहीं एसजेपीएनएल का दावा है कि जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट में पंपिंग स्टेशन बनाने और पेयजल लाइन बिछाने के लिए करीब 12.24 हेक्टेयर वन भूमि का इस्तेमाल किया जाना है, जिस पर 1360 पेड़ काटे जाने है। विश्व बैंक के इस प्रोजेक्ट के तहत सुन्नी के शकरोड़ी गांव से सतलुज का पानी शिमला के लिए लिफ्ट किया जाएगा। यह काम अहमदाबाद की कंपनी एलसीसी को सौंपा गया है, जो कुनाल इंफ्रास्ट्रक्चर और साई इंजीनियरिंग के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को अंजाम देगी। यह प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा किया जाना है, जिसमें पहले चरण में सुन्नी तहसील के शकरोड़ी गांव से होते हुए पानी लिफ्ट किया जाएगा, उसके बाद इसे देवी दार में बने टैंक में पहुंचाया जाएगा और फिर वहां से इसे भराड़ाी के डुम्मी होते हुए शिमला के संजौली टैंक तक पुहंचाया जाएगा, जिसमें कुल 22 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 422 करोड रुपए खर्च किए जाने प्रस्तावित है। वहीं एसजेपीएनएल ने अगले डेढ़ साल के अंदर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट से रोजाना शहर को 67 एमएलडी पानी मिलेगा, जिससे लोगों को 24 घंटे सप्लाई दी जाएगी। लोगों को घर की छत पर टंकियां रखने की जरूरत नहीं रहेगा। शिमला शहर के अलावा प्लानिंग एरिया में भी पानी दिया जाएगा।

प्रोजेक्ट के लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए वन विभाग से 1660 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन विभाग ने सिर्फ 1360 पेड़ काटने की अनुमति दी है। इसी एवज में एसजेपीएनएल वन विभाग को दो करोड़ 60 लाख रुपए देगा। वहीं वन विभाग भी इन पैसों से हिमरी की सीए साइट में पेड़ लगाएगा। इसका कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिसे अगले डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है
राजेश कश्यप, एजीएम, एसजेपीएनएल


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