फिर अटकी एचआरटीसी कर्मियों की पगार, 18 को राजधानी और जिला स्तर पर करेंगे प्रदर्शन

By: Oct 11th, 2021 12:02 am

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

अक्तूबर माह की 10 तारीख बीत गई, लेकिन एचआरटीसी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। वेतन समय पर न मिलने से प्रदेश के 11 हजार कर्मचारियों को भारी रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि नवरात्र से त्योहारी सीजन शुरू हो गया, लेकिन कर्मचारियों को अभी तक वेतन नहीं मिला है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। यहां तक कि ड्यूटी के दौरान चालक-परिचालकों के होने वाले खर्चों के लिए भी उधारी करनी पड़ रही है, लेकिन निगम प्रबंधन वेतन दिए जाने को लेकर गंभीर नहीं है। कर्मचारियों का कहना है निगम प्रबंधन वेतन को लेकर चुनाव आचार संहिता की बात कह रहा है, लेकिन वेतन से चुनाव आचार संहिता का क्या लेना-देना है, जब प्रदेश के अन्य विभागों व निगम के कर्मचारियों को माह की पहली तारीख को वेतन मिल रहा है, तो एचआरटीसी कर्मचारियों के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर निगम के पेंशनर्ज को भी पेंशन नहीं मिल रही है। अब यह रोष 18 अक्तूबर को एक साथ निगम मुख्यालय के बाहर जमकर फूटेगा। इस दौरान प्रदेश में बसों के पहिए के थमने की भी संभावना बन रही है। शिमला में प्रदेश भर से कर्मचारी आंदोलन में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे। वहीं जिला स्तर पर भी बस अड्डों में प्रदर्शन होंगे। 18 अक्तूबर को हिमाचल परिवहन संयुक्त समीति के आह्वान पर मुख्यालय सहित प्रदेश भर में निगम प्रबंधन व सरकार के खिलाफ आंदोलन होंगे। ड्राइवर यूनियन के प्रधान मान सिंह ठाकुर का कहना है कि कहना है कि वेतन न मिलने से हजारों कर्मचारियों को परेशानी का सामना क रना पड़ रहा है। समीति सचिव खमेंद्र गुप्ता ने कहा कि 18 अक्तूबर को निगम कर्मचारियों का विशाल धरना प्रदर्शन है ऐसे में पहले की निगम ने कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है।

दो साल से नहीं मिला नाइट ओवर टाइम

एचआरटीसी में कार्यरत्त चालक-परिचालकों को जहां समय पर सैलरी नहीं मिल रही हैं, तो वहीं पिछले दो सालों से कर्मचारियों को नाइट ओवर टाइम भी नहीं मिल पाया है। सरकार व निगम की ओर से उन्हें समय पर वेतन व अन्य भत्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इन मुद्दों पर संघर्ष

निगम प्रबंधन द्वारा संयुक्त समन्वय समिति के साथ पूर्व में किए गए समझौतों पर अमल न करना, जनवरी 2016 से 13 प्रतिशत आईआर, डीए जनवरी, 2019 से 4 प्रतिशत, 5 प्रतिशत जुलाई 2016 से व 6 प्रतिशत जुलाई 2021 से, कुल डीए 15 प्रतिशत और 32 महीनों का नाइट ओवर टाइम, ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ, मेडिकल रिइंवर्समेंट कई प्रकार के एरियर आदि कर्मचारियों के लगभग 500 करोड़ के रूपए के लंबित वित्तीय भुगतान देय है।


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