तीन हजार भक्तों ने किए दर्शन

By: Oct 15th, 2021 12:21 am

रामनवमी पर मां बालासुंदरी के दर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जयकारों से गूंज उठा मंदिर

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-त्रिलोकपुर
जिला सिरमौर के त्रिलोकपुर में स्थित उत्तरभारत की प्रमुख शक्तिपीठ माता बालासुंदरी मंदिर में चल रहे आश्विन नवरात्र पर्व के नौवें दिन गुरुवार को लगभग 3 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर आर्शीवाद प्राप्त किया। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त सिरमौर एवं आयुक्त त्रिलोकपुर मंदिर न्यास राम कुमार गौतम ने बताया कि नौवें दिन माता को लगभग 06 लाख 12 हजार 435 रुपए नकद राशि और एक किलो 230 ग्राम चांदी चढ़ावे के रूप में श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन द्वारा जारी कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए माता के दर्शन किए। पड़ोसी राज्य हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ दिल्ली उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के अलावा हिमाचल के विभिन्न जिला से श्रद्धालु भारी संख्या में सुबह से ही कोरोना वायरस ओपी के पालन करते हुए मंदिर में पहुंच रहे थे प्रशासन को पुलिस द्वारा मेला स्थल पर पूरी व्यवस्था की गई थी सुरक्षा के बारे में पुलिस अधीक्षक समोर उमापति जमवाल ने बताया कि पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दी गई है मेला स्थल पर 300 से अधिक पुलिस होमगार्ड व निजी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं इसके अलावा मेला स्थल पर पूरी नजर रखने के लिए 50 के आसपास क्लोज सर्किट कैमरे भी स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा अश्विन नवरात्र की नवमी के अवसर पर नाहन शहर के रियासत कालीन प्रमुख शक्तिपीठ काली स्थान मंदिर में नवरात्र के अंतिम दिन आस्था का जमकर सैलाब उमड़ा। इस प्रमुख शक्तिपीठ में सुबह चार बजे से ही मां दुर्गा सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद राज परिवार के द्वारा खंड पूजन के साथ नवरात्र पूजन की परंपरा निभाई गई। इसमें राज परिवार की ओर से कंवर अजय बहादुर और उनका परिवार सम्मिलित हुआ।

नौ दिन चली इस विशेष पूजा-अर्चना का सारा जिम्मा काली स्थान मंदिर प्रबंधक समिति के द्वारा किया गया। कालीस्थान मंदिर समिति के उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता, महामंत्री देवेंद्र अग्रवाल व मंदिर के प्रबंधक ओंकार जमवाल ने बताया कि समिति की तरफ से कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था की गई। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था के साथ जलपान और खाने की व्यवस्था भी की गई है। वहीं, काली स्थान मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सुमरनाथ ने बताया कि नौ दिन माता के अलग-अलग दिव्य स्वरूपों का नियमानुसार पूजन किया गया। नवमी के दिन हवन पूजन आदि के बाद कन्या पूजन किया गया। मंदिर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता का कहना है कि नवरात्र के दौरान मंदिर में प्रसाद आदि पर पूर्ण प्रतिबंध था। यही नहीं, सोशल डिस्टेंस के साथ सेनेटाइजर आदि की जगह-जगह व्यवस्था की गई थी। काली स्थान मंदिर का ऐतिहासिक महत्त्व है। जहां पर शक्ति स्वरूपा साक्षात रूप से विद्यमान है। उन्होंने कहा कि 18 अक्तूबर को नया बाजार समिति के द्वारा मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने समस्त शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि 18 अक्तूबर को मां का प्रसाद ग्रहण करने बढ़-चढ़कर आए।


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