Transfer : यूनियनें नहीं कर पाएंगी तबादलों की सिफारिश, राज्य सरकार के निर्देश

By: Oct 15th, 2021 12:15 am

राजेश मंढोत्रा — शिमला

हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों को लेकर नया आदेश जारी हुआ है। सरकार को हाई कोर्ट के दो आदेशों के बाद इस बारे में लिखित निर्देश जारी करने पड़े हैं। ये निर्देश कर्मचारी यूनियनों का तबादलों में हस्तक्षेप को रोकने को लेकर है। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग और बिजली बोर्ड के दो मामलों में अलग-अलग आदेश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग से सामने आए सुशील कुमार बनाम स्टेट ऑफ एचपी केस में राज्य शिक्षक महासंघ की सिफारिश पर हुए तबादलों को हाई कोर्ट ने रद्द करते हुए शिक्षक महासंघ को चेतावनी दी थी कि अगर दोबारा ऐसा किया, तो उनकी रजिस्ट्रेशन या एफिलिएशन को रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद राज्य बिजली बोर्ड से भी विपेंद्र काल्टा बनाम स्टेट ऑफ एचपी केस में बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के सिफारिश पर हुए तबादलों को इसी आधार पर हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था।

इसमें भी कर्मचारी यूनियन को चेतावनी दी गई थी। चूंकि इसी मामले में राज्य के मुख्य सचिव से भी कंप्लायंस मांगी गई थी, इसलिए राज्य सरकार को इस बारे में अलग से सभी प्रशासनिक सचिवों और सभी विभागाध्यक्षों को लिखित निर्देश जारी करने पड़े। इन निर्देशों में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने सरकारी महकमों में तबादलों के लिए सक्रिय गैर संवैधानिक इकाइयों पर आपत्ति जताई है, इसलिए सभी कर्मचारी यूनियन इन निर्देशों का पालन करें और किसी विभाग में कर्मचारी यूनियन के सिफारिश पर कोई तबादले न किए जाएं। ये निर्देश बोर्ड कॉरपोरेशन के लिए भी हैं। हाई कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी यूनियनों का विभागों के प्रशासनिक मामलों में कोई कार्य क्षेत्र नहीं है। ऐसे में इनकी सिफारिश पर कोई भी विभाग तबादले न करें। यदि मुचुअल आधार पर तबादला है, तो इस तरह के आवेदन या रिक्वेस्ट की जा सकती है। (एचडीएम)

मंत्री-विधायकों के डीओ पर भी आपत्ति

कर्मचारी तबादलों के मामले में हाई कोर्ट ने मंत्रियों और विधायकों की ओर से दिए जाने वाले ट्रांसफर के डीओ पर भी आपत्ति जताई थी। इन सिफारिशों के आधार पर सरकारी विभागों में तबादले होते हैं। हाल ही में रोहडू से भाजपा प्रत्याशी रही शशिबाला और झंडूता से भाजपा विधायक जेआर कटवाल के मामले में तबादलों को हाई कोर्ट रद्द कर चुका है। अब देखना यह होगा कि राजनीतिक सिफारिशों वाले तबादलों पर सरकार रोक लगाती है या नहीं?


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