संविधान दिवस: प्रधानमंत्री मोदी बोले-पारिवारिक राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए खतरा

By: Nov 26th, 2021 1:23 pm

NEW DELHI, NOV 26 (UNI):- Prime Minister Narendra Modi addressing at the central hall of Parliament during Constitution Day celebration, in New Delhi on Friday. UNI PHOTO-3U

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार आधारित राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त घोषित लोगों का महिमामंडन युवाओं को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाता है। श्री मोदी ने यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर हिस्से में परिवार आधारित राजनीतिक दलों का वर्चस्व बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए देशवासियों को जागरूक करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ही परिवार के कई सदस्यों के राजनीति में आने के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह योग्यता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह परिवार आधारित राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, तो इनसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की रक्षा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

परिवार आधारित राजनीतिक दल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं और यह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। ऐसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल बहुत बड़ी चिंता का विषय है। संविधान की भावना को चोट पहुंची है। इसकी एक-एक धारा को चोट पहुंची है। तब जब राजनीतिक धर्म लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों। जो दल लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।

एक राजनीतिक दल, पार्टी- फॉर द फैमिली, पार्टी- बाय दि फैमिली… आगे कहने की जरूरत नहीं लगती। श्री मोदी ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी ऐसी ही व्यवस्था थी, जिसमें सुधार करने का बीड़ा उठाया गया। इस पर इस पूरी प्रक्रिया में 30-40 साल का समय लगा। उन्होंने कहा कि भारत में भी ऐसे ही प्रयास करने की जरूरत है। देशवासियों को इस समस्या के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

इससे लोकतंत्र की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त और न्यायपालिका द्वारा घोषित व्यक्तियों का महिमामंडन दुख का विषय है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने स्वार्थों को साधने के लिए मर्यादाओं को तोड़ते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे लोगों का महिमामंडन करते हैं जो न्यायपालिका द्वारा दोष सिद्ध किए जा चुके हैं। ऐसा महिमामंडन युवाओं को भी गलत करने के लिए उकसाता आता है। युवाओं को लगता है कि भ्रष्टाचार का रास्ता बेहतर है। दो-चार साल में जनता उन्हें स्वीकार कर ही लेगी।

मोदी ने कहा कि आजादी के बाद की शासन व्यवस्था में अधिकारों पर बल दिया गया जबकि कर्तव्य को भुला दिया गया। आजादी के 75 वें साल में कर्तव्य पर बल देने की जरूरत है। अधिकार स्वयं ही मिलते चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने जिन कर्तव्यों पर बल दिया था, उन्हें भुला दिया गया। अगर उन पर जोर दिया जाता तो देश की तस्वीर आज कुछ और ही होती। उन्होंने कहा कि कर्तव्य का पालन अधिकारों की गारंटी है।


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