कोरोना की मार, अभी भी पटरी पर नहीं लौटा व्यापार
कोरोना के सताए व्यापारी आज भी कर रहे कमाने के लिए जद्दोजहद, पहले नादौन शहर में होता था प्रतिदिन छह करोड़ का व्यापार
एन भारती-नादौन
कोरोना की मार के बीच बिगडऩे व्यापार के हालात आज तक भी पटरी पर नहीं लौट पा रहे हैं। कभी नादौन शहर में होने वाला रोजाना पांच से छह करोड़ को कारोबार आज महज अढ़ाई से तीन करोड़ तक सिमट कर रह गया है। त्योहारी सीजन जरूर दुकानदारों व व्यापार कारोबारियों के लिए राहत लेकर आया, लेकिन हालात पहले जैसे सामान्य नहीं हो पाए हैं। आज भी कोरोना का असर व्यापार पर साफ दिखाई दे रहा है। नदौन शहर में करीब 900 दुकानें हैं, जिनमें 550 दुकानें मुख्य बाजार में हैं। वहीं वर्तमान में शहर में 12 शोरूम संचालित हैं। व्यापार की दृष्टि से नादौन को बेहतर माना जाता है। क्योंकि नादौन हमीपुर की अंतिम सीमा जबकि कांगड़ा की शुरूआती सीमारेखा से सटा है। ऐसे में दोनों जिला के लोग यहां पर खरीददारी करने के लिए पहुंचते हैं।
एक कहावत प्रचलित है कि आए नादौन तो फिर जाए कौन, यानि जो एक बार नादौन पहुंचता है वह यहीं का होकर रह जाता है। इसका मुख्य कारण यहां की भौगोलिक परिस्थिति, संस्कृति, आध्यात्मिक परिवेश सहित क्षेत्र भर का प्रमुख व्यापारिक केंद्र होना है। ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर से सराबोर यह शहर अस्तित्व में आने के बाद से ही व्यापारिक दृष्टिकोण से अपना प्रमुख स्थान बनाए हुए है। यहां की मार्केट पर आज भी साथ लगती पांच विधानसभा क्षेत्रों के लोगों का विश्वास टिका है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान यहां के व्यापारी वर्ग का है। कोरोना से करियाना और मेडिकल स्टोर छोड़कर बाकी सभी वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान खाद्य पदार्थ, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सहित फूड सेक्टर को हुआ। व्यापारियों का कहना है कि इन त्योहारों में उन्हें कुछ राहत तो मिली है, परंतु अभी भी उनके व्यापार को हुए नुकसान की भरपाई नहीं हुई है, क्योंकि प्रतिदिन व्यापार घटकर ढाई तीन करोड़ तक ही पहुंच पाया है। वहीं छोटे और मध्यवर्ग दुकानदार अभी भी कोरोबार के मामले में बहुत पिछड़े हुए हैं।
वहीं, नगर पंचायत की दुकानों में व्यापार कर रहे दुकानदारों को रोष है कि उन्हें किराए में कोई राहत नहीं दी गई। स्थानीय ट्रांसपोर्टर अपनी बसों केपूरे बेड़े को सड़कों पर नहीं उतार पाए हैं। उनकी कुछेक बसें अभी भी वैसे ही खड़ी हंै हालांकि व्यापार मंडल ने कोविड के दौरान जरूरतमंदों की काफी सहायता की और प्रशासन को दिल खोलकर राशन व अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करवाई। इस संबंध में व्यापार मंडल अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने बताया कि व्यापार में हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए अभी काफी समय लगेगा, हालांकि परिस्थितियों में कुछ सुधार तो हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ वर्ग ऐसे हैं, जो नुकसान से उबर नहीं पाए हैं।
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