प्रोमोशन नहीं, रिटायरमेंट मिल रही, प्रदेश के प्रवक्ताओं के हाथ लग रही निराशा, अध्यापक संघ ने मांगी राहत
प्रदेश के प्रवक्ताओं के हाथ लग रही निराशा, स्कूल अध्यापक संघ ने मांगी राहत
टीम-शिमला, मंडी
प्रदेश के स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद खाली होने के कारण स्कूलों में विभिन्न प्रकार की प्रशासनिक वित्तीय तथा पठन पाठन से संबंधित की समस्या पैदा होती है। प्रधानाचार्य के पदों के खाली होने के कारण प्रधानाचार्य के कार्य को वरिष्ठ प्रवक्ताओं द्वारा पूरा करना पड़ता है जिसके कारण उनके अपने विषयों की पढ़ाई बाधित होती है। प्रदेश प्रवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ने बताया कि लोग पदोन्नति का अर्थ ऐसे कार्य-परिवर्तन से लगाते हैं, जिसके फलस्वरूप किसी कर्मचारी की आय अथवा वेतन में वृद्धि हो जाए परंतु एक ही कार्य पर रहते हुए यदि कर्मचारी को अधिक वेतन दिया जाए तो इसे पदोन्नति नहीं कहा जा सकता। यह तो मात्र वेतन-वृद्धि होगी। पिछले एक वर्ष से प्रधानाचार्य की पदोन्नतियां नहीं हो रही। ऐसे में कितने ही प्रवक्ता जो अपने सेवाकाल के अंतिम पड़ाव में हैं और अब बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
दूसरा पदोन्नति कोटा न बढऩे से प्रवक्ताओं को पदोन्नति के उचित अवसर प्राप्त न होने के कारण बहुत सारे प्रवक्ता बिना प्रधानाचार्य बने ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में प्रधानाचार्य के 350 से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हंै। प्रवक्ता संघ के सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, महासचिव संजीव ठाकुर, मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, शिमला जिला प्रवक्ता संघ अध्यक्ष अध्यक्ष अजय नेगी, सोलन जिला अध्यक्ष चंद्र देव ठाकुर, सिरमौर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर, हमीरपुर के प्रधान अनिल कुमार, मंडी जिला अध्यक्ष राजेश सैणी, कांगड़ा जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन राणा, ऊना जिला अध्यक्ष संजीव पराशर, चंबा जिलाध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, कुल्लू जिला अध्यक्ष नरेंद्र पाल, किनौर जिला अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि प्रधानाचार्य पदोन्नत की सूची अविलंब शीघ्र जारी की जाए। इसके अतिरिक्त संघ ने सरकार से वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग उठाई है।
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