करोड़ों के भवन खंडहर में तबदील

By: Dec 8th, 2021 12:54 am

करसोग में सरकार-प्रशासन की अनदेखी के बने शिकार

कार्यालय संवाददाता — करसोग
जनता का करोड़ों रुपए खर्च करते हुए किस कद्र लापरवाही से बेकद्री करते हुए आलीशान इमारतें खंडहर बनने के लिए लावारिस छोड़ दी गई हैं। उसकी मिसाल करसोग के अलावा शायद ही प्रदेश में कहीं देखने को मिलती हो। उपमंडल मुख्यालय पर करोड़ों रुपए का निर्माण करते हुए बेशकीमती जमीन पर दो भवन ऐसे लावारिस छोड़ दिए गए हुए हैं, जो अब लगभग खंडहर में तबदील हो ही चुके हैं। बावजूद इसके न सरकार गौर कर रही है और न ही संबंधित विभागों के अधिकारी जनता के पैसे की कद्र करने के लिए कोई कदम उठा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वन मंडल कार्यालय करसोग के समीप मिल्कफेड का मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित किया गया परंतु कुछ वर्षों के बाद मिल्क चिलिंग प्लांट यह कहते हुए किराए के भवन में बदल दिया गया कि वहां पर गाड़ी पहुंचना सुलभ नहीं है, परंतु हैरानी की बात है कि निर्माण करती दफा भविष्य को योजना क्यों नहीं सामने रखी गई, इसको लेकर सरकार अधिकारियों से जवाब तलबी करें तो कई खामियां उजागर होगी।

ऐसा कहकर चिकनी चुपड़ी बातें सुना दी जाती हैं और मंगलवार को मिल्कफेड प्रबंध निर्देशक भूपेंद्र अत्री से शिमला बात की गई तो फिर वही पुराना रटा रटाया जवाब मिला कि मिल्क चिलिंग प्लांट की मशीनरी करसोग की सब्जी मंडी में बदली जाएगी परंतु हैरानी की बात है कि अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि सब्जी मंडी जो निर्माण होने के बाद जनता को समर्पित होने से पहले ही खंडहर बनी हुई है। वहां पर भी पोलीटेक्नीक कालेज निर्माण करने संबंधी मशक्कत अमल में लाई जा रही है, परंतु कोई बात हुई अभी तक सिरे नहीं चढ़ी है या फिर इस मामले को गंभीरता से लिया ही नहीं जा रहा है। दूसरा मामला करसोग की जनता को दिव्य हिमाचल के माध्यम से बता दें कि लगभग एक करोड़ रूपया खर्च करते हुए आलीशान भवन सब्जी मंडी करसोग के नाम निर्माण किया गया, परंतु सब्जी मंडी का भवन निर्माण हुआ और किसानों को समर्पित होने से पहले यह मामला कानूनी प्रक्रिया में उलझ गया और आज तक वह सब्जी मंडी खुल ही नहीं पाई है न ही ऐसी कोई उम्मीद दिखाई दे रही है कि वह सब्जी मंडी खुलेगी यह कार्य भी अधिकारियों की सोच को प्रदर्शित करता है।

सब्जी मंडी स्थापित करने वाले मामले को कृषि विपणन जिला मंडी अध्यक्ष दिलीप ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो सरकार द्वारा चारकुफरी में सब्जी मंडी स्थापित करने की प्रक्रिया है, उसमें एफसीए सभी कृति अंतिम कागजी औपचारिकता के लिए भेजी जा चुकी है, वह मिलते ही आगामी कार्य शुरू कर दिया जाएगा, परंतु यह भी काफी लंबे समय से करसोग के किसान सुन रहे हैं, जिसके चलते विकास कार्यों की देरी व निर्माण हुए करोड़ों रुपए के भवनों की अनदेखी जनता को सरकार से दूर करती है,जिस पर समय रहते सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे ताकि जनता को सुविधाएं मिले तथा सरकार और जनता का विश्वास मजबूत बना रहे। जिला मंडी कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष दिलीप ठाकुर ने कहा कि जो सब्जी मंडी का भवन करसोग में लगभग एक रोड पर से निर्माण होने बाद लावारिस पड़ा है वह पोलीटेक्नीक कालेज के उपयोग को लाया जा सके उसको लेकर सरकार के संबंधित विभाग के साथ बातचीत चली हुई है वह उम्मीद है कि जल्द से चढ़ेगी तथा नई सब्जी मंडी भी करसोग को जल्द मिले इसका प्रयास किया जा रहा है।


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