स्मार्ट सिटी में गाडिय़ों के बोझ के नीचे दबी पार्किंग

संतोष कुमार-शिमला
प्रदेश का दिल राजधानी शिमला आजकल पार्किंग की समस्या से जूझ रहा है। मौजूदा समय में नगर निगम द्वारा मुहैया करवाई गई पार्किंग वाहनों की बहुतयात के आगे बौनी साबित हो रही है। सर्वाधिक समस्या बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों ने बढ़ा दी है। यही कारण है कि मौजूदा समय में शिमला शहर की पार्किंग की कैपेसिटी फुल हो जाती है, जिसकी वजह से लोग व चालक शहर की सड़कों पर ही अपनी गाडिय़ों को खड़ा कर देते है, जो न केवल जाम का कारण बन रही है, अपितु हादसों को भी खुला निमंत्रण दे रही है।

हालांकि नगर निगम शहर के वार्डो में पार्किंग स्थल बना रहा है और स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर की सड़कों को चौड़ा करके राहत देने का प्रयास हो रहा है, वहीं अम्रुत योजना के तहत भी इससे संबंधी कई कार्य हो रहे है, लेकिन शिमला शहर में वाहनों की भारी तादाद व आमद के कारण उन्हें खड़ा करने के लिए ठिकाना नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन पार्किंग कैपेसिटी फुल होने की सूरत में शिमला शहर की सड़कों पर बेतरतीब ढंग से खड़े हो जाते है। इसका एक कारण यह भी है कि स्थानीय लोग अपने वाहनों का पंजीकरण रीजनल लाइसेंसिंग आथॉरिटी शिमला में न करवा कर आसपास के कार्यालय में जाकर करवा रहे है। क्योंकि वाहन खरीदते समय पार्किंग मुहैया होने का शपथ पत्र देना होता है। शिमला शहर के घनत्व व आबादी के अनुसार लोगों के पास अपनी पार्किंग नहीं है। यही कारण है कि लोग अपना वाहन तो खरीद लेते है, लेकिन उनका पंजीकरण शिमला शहर के बाहर या अन्य जिलों में करवा देते है। लेकिन यह वाहन शिमला की सड़कों पर न केवल दौड़ते है,अपितु यहीं पर खड़े भी होते है। (एचडीएम)

फ्लोटिंग वाहनों को मिलना चाहिए ठिकाना
किशोरी लाल का कहना है कि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के वाहनों को ठिकाना मिलना चाहिए और पार्किंग की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। पर्यटकों के वाहन सड़कों पर खड़े होने की वजह से ना केवल जाम लग जाता है, अपितु यह हादसों के लिए भी कारण बनते हैं। नगर निगम व प्रशासन सहित पुलिस को इन वाहनों के लिए कुछ करना चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को आवाजाही में परेशानी न झेलनी पड़े।
दो पहिया वाहनों को मिले छूट
रजनी शर्मा का कहना है कि शिमला शहर के प्रतिबंधित मार्गो पर दोपहिया वाहनों को छूट दी जानी चाहिए और इनके लिए छोटी-छोटी पार्किंग का निर्माण होना चाहिए, ताकि यह वह वाहन वहां खड़े हो सके। इससे स्थानीय लोग ना केवल दो पहिया वाहनों का प्रयोग करेंगे, अपितु बड़े वाहन भी सड़कों पर नहीं आएंगे, जिसकी वजह से जाम की समस्या भी नहीं होगी और लोगों को सुविधा भी मिलेगी।
शहर में हो वन-वे की व्यवस्था
अशोक बंसल का कहना है कि शहर में वन वे ट्रैफिक व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वहां एक साइड से आए और दूसरी साइड से चलते रहें जिससे यातायात निरंतर चलता रहेगा और ना जाम लगेगा और ना ही पार्किंग की जरूरत महसूस होगी।