अपर शिमला में बारिश-बर्फबारी से खिले चेहरे

By: Dec 8th, 2021 12:54 am

रामपुर में फसलों को मिली संजीवनी; खेतों में जुटे किसान-बागबान, सेब बागीचों में चिंलिग ऑवर शुरू

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — रामपुर बुशहर
रामपुर उपमंडल के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों मे बारिश से बागबानों-किसानों के चेहरे खिल उठे है। अब यह बारिश व बर्फबारी सेब के बागीचों के लिए सही टोनिक का काम करेगी। यदि बारिश और बर्फबारी का यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो किसान व बागबानों की अच्छी फसल के लिए यह संजीवनी साबित होगी। काफी समय के बाद पहली बार दिसंबर माह में बर्फबारी हुई है। माना ये जाता है कि दिसंबर माह में होने वाली बर्फबारी जमीन में पर्याप्त नमी करती है। ये ही कारण है कि बागबान-किसान के चेहरे खिले हुए हैं। बारिश होने से कृषि कार्यों में तेजी आएगी। मंगलवार को दिन भर मौसम साफ रहा, जिससे बागबान और किसानों ने बागीचों पर तरफ अपना रुख कर लिया है। खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में स्थित बागीचों के लिए यह बारिश का समय बिलकुल उपयुक्त है, लेकिन लोअर बेल्ट वाले बागबान अभी भी और ज्यादा बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बागबानों का कहना है कि लोअर बेल्ट में अभी भी जमीन में खासी नमी नहीं आई है।

अभी और बारिश हो जाती तो लोअर बेल्ट में सेब की अच्छी फसल की उम्मीद लगाई जा सकती है। जबकि ऊंचे इलाकों में स्थित बागीचों में यह बारिश संजीवनी का काम कर रही है। तापमान में आई कमी के कारण अब सेब के बागीचों में चिंलिग आवर शुरू हो गए हैं। गौरतलब है कि एक बागीचे के लिए 200 घंटे के चिंलिग आवर होने आवश्यक है। चिंलिग आवर के पूरे होने के बाद ही सेब का आकार सही समय पर बढ़ता है। साथ ही प्रांगण क्रिया भी सही होती है। वहीं बागवानी विशेषज्ञों की मानें तो यह बारिश व बर्फबारी ऊंचे इलाको के लिए काफी फायदेमंद है। लेकिन लोअर बेल्ट के बागवानो को सेब की फसल के बेहतर होने के लिए बारिश की और जरूरत है। हल्की बारिश से जमीन में नमी तो आ गई है, लेकिन चिंलिग आवर पूरे होने के लिए लोअर बेल्ट के बागीचों को 200 घंटे पूरे होने चाहिए। लेकिन जिस तरह से इस बार दिसंबर माह में भी बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है उससे लगता है कि इस बार क्षेत्र में अच्छी खासी बर्फबारी होगी।


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