सीबीआई-ईडी निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने वाले विधेयक पर जमकर हंगामा, विरोध के बीच लोकसभा में पेश

By: Dec 4th, 2021 12:05 am

केंद्रीय सतर्कता आयोग विधेयक भारी विरोध के बीच लोकसभा में पेश

एजेंसियां — नई दिल्ली

सरकार ने विपक्षी दलों के भारी हंगामे बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने वाले ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक 2021) को शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया। अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र ङ्क्षसह को सदन में विधेयक पेश करने को कहा तो कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों के सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया और कहा कि सरकार इस विधेयक के जरिए सीबीआई और ईडी पर शिकंजा कसके एजेंसी को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश तथा शशि थरूर ने इस विधेयक का जोरदार विरोध करते हुए कहा कि सरकार बिना चर्चा के इस संबंध में संसद सत्र शुरू होने के महज कुछ दिन पहले अध्यादेश लेकर आई और उसने सबसे पहले यही गलत काम कर संसदीय नियमों का उल्लंघन किया।

सरकार ने निदेशकों के कार्यकाल को दो से पांच साल तक हर वर्ष एक-एक साल का विस्तार देने का प्रावधान कर इन दोनों एजेंसियों के निदेशकों को अपने कब्जे में रखने की पुख्ता व्यवस्था की है। कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि इसके जरिए एजेंसी में भ्रम की स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यदि सरकार के इशारे पर निदेशक काम करते रहे तो उनका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा और सरकार के विरुद्ध काम किया तो उन्हें हटाया जाएगा। इस विधेयक के जरिए सरकार दोनों एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों पर नियंत्रण बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि एजेंसियां पारदर्शी तरीके से काम करती रहें इसके लिए उन पर नियंत्रण की कोशिश नहीं होनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के एस वंद्योपाध्याय तथा सौगत राय ने भी इस विधेयक का विरोध किया। तृणमूल के सदस्यों ने कहा कि जिस तरह से सरकार यह विधेयक लेकर आई है उससे उसकी मंशा साफ हो जाती है और अब तय है कि एजेंसियों का जमकर दुरुपयोग होगा।

केंद्र के निर्देश, एनसीबी को सौंपें ड्रग्स के बड़े केस

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ताकत में इजाफा करने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वो ड्रग्स से संबंधित कम से कम पांच बड़े केस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को हैंड ओवर करें। सूत्रों के मुताबिक केद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को इसके लिए पांच दिसंबर तक की मोहलत दी गई है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से जो निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव, गृह सचिवों और डीजीपी से कहा गया है कि वो नारकोटिक्स से जुड़े अहम केस ब्यूरो के हवाले करें। जाहिर है अब केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद एनसीबी का दायरा बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने एनसीबी की ताकत में इजाफा करने वाला यह कदम हाल ही में मुंद्रा पोर्ट से सीज किए गए 3000 किलोग्राम हेरोइन और मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले के खुलासे के बाद उठाया है। अभी एनसीबी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और कुछ अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इन दोनों ही बड़े मामलों की जांच-पड़ताल कर रही है।


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