पर्यटक स्थलों में शौचालय की दरकार

By: Dec 31st, 2021 12:11 am

ग्रीन टैक्स-टोल टैक्स अदा करने पर शौच के लिए भटक रहे सैलानी, मोबाइल टायलट की व्यवस्था करे प्रशासन

कार्यालय संवाददाता — पतलीकूहल
कुल्लू घाटी में पर्यटकों के प्रवेश करने पर उन्हें पर्यटक स्थलों पर शौचालय के लिए मारा-मारा फिरना पड़ रहा है। नतीजनन खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आजकल जिस तरह से पर्यटकों का जमावड़ा पैराग्लाइडिंग व रिवर राफ्टिंग करने के लिए एनएच पर स्थापित अस्थायी काउंटरों पर लगा है, वहां क हीं भी शौच से निवृत होने के लिए कोई जगह नहीं हैं। पतलीकूहल के कटराईं से डोभी तक का एनएच पैराग्लाइडिंग व रिवर राफ्टिंग काउंटरों से भरा हैं, लेकिन इन जगहों में कहीं भी मोबाइल शौचालय स्थापित नहीं किया गया है, जिससे पर्यटक पूरा दिन शौच के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।

हालांकि आजकल कुल्लू घाटी में पर्यटकों की भरमार है, लेकिन ऐसे स्थल जहां पर पैराग्लाइडिंग व रिवर राफ्टिंग करने के लए सैलानियों का जमावड़ा रहता है, वहां पर शौच के लिए सैलानियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। कई मर्तबा तो पर्यटक शौच के लोगों के घरों का रुख करते हैं, लेकिन कोई भी अनजान लोगों को अपने घर के टायलट में आना पसंद नहीं करता है। दिल्ली से आई महिलाएं गुरुवार को जब एनएच सगो पैराग्लाइडिंग काउंटर पर पहुंचीं तो उन्हें टायलट कहीं भी नहीं मिला। इस दल में आई महिलाओं में सुजाता, मंदाकिनी, तनूजा, कला, नीरा, अर्चना, सुहानी, शिल्पा, काया, प्रेमा ने बताया कि कुल्लू घाटी में प्रवेश करने पर वह टोल टैक्स, ग्रीन टैक्स व सहायक पर्यटक स्थलों पर साडा वैरियर पर सैकड़ों रुपए अदा करते हैं, लेकिन स्वच्छता के नाम पर इन स्थलों पर कहीं पर मोबाइल टायलेट की सुविधा नहीं है। इस ग्रुप की लड़कियों ने बताया कि यहां प्राकृतिक सौंदर्यता का खजाना है, लेकिन पर्यटकों को टायलेट की सुविधा नहीं है। सभी ने कुल्लू जिला प्रशासन से आग्रह किया कि घाटी के ऐसे स्थल पतलीकूहल, डोभी, कटराईं, दुआड़ा, बवेली जहां रायसन यानी के कुल्लू से मनाली तक का क्षेत्र जहां पर सैलानियों का जमावड़ा लगभग हमेशा रहता है। इन स्थलों पर प्रशासन को मोबाइल टायलेट की सुविधा प्रदान करनी चाहिए, ताकि पर्यटक जो कि इन स्थलों पर लाखों खर्च कर साहसिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं, शौच की सुविधा पा सकें।

सुविधा न होने से महिलाओं को हो रही परेशानी
गु्रप में आई एक महिला बबिता ने कहा कि पुरुष तो कहीं भी आड़ लेके शौच निवृत्त हो जाते हैं, लेकिन महिलाओं को सबसे अधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संपुर्ण स्वच्छता अभियान को जिस तरह से अखबार की सुर्खियों में नेता द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है, उस तरह की सुविधा पर्यटन स्थलों में कोसों दूर है। पर्यटकों ने प्रशासन से आग्रह किया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे स्थल जहां पर जमावड़ा रहता है, शौचालयों की बड़ी जरूरत है।


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