लिखित परीक्षा हुई; तो रिजल्ट अटका, पंचायत सचिव भर्ती पर फिर घिरी एचपीयू

By: Dec 8th, 2021 12:04 am

छात्र संगठनों ने एचपीयू पर लगाए लेटलतीफी के आरोप

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायत सेके्रटरी के 239 पदों के लिए करवाई गई लिखित परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं हो पाया है। छात्र संगठनों ने एचपीयू की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। पिछले साल 18 दिसंबर, 2020 को इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाले थे, लेकिन इसमें भारी-भरकम फीस पर बवाल हो गया। फीस के साथ-साथ इसमें रोस्टर पर भी सवाल उठे थे। पंचायती राज विभाग की ओर से इन पदों के लिए विभिन्न जिलों का रोस्टर जारी किया गया, इसमें सामान्य वर्ग से लेकर, ईडब्लूएस और एससी, एसटी वर्ग के लिए भर्तियां निकाली थी, लेकिन प्रदेश के पांच जिले ऐसे हैं जहां पर ईडब्लूएस के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं था। इस परीक्षा के लिए आवदेन प्रकिया से लेकर परीक्षा का जिम्मा एचपीयू को दिया गया था। इसके बाद अक्तूबर में देरी से यह परीक्षा करवाई गई, लेकिन अब छात्र इसके परिणाम के इंतजार में है।

एचपीयू के छात्र संगठनों ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के लिए छात्रों को आंसर की भी नहीं दी गई। एचपीयू ने आंसर की देने से साफ इनकार कर दिया और तर्क दिया कि इससे पहले भी एचपीयू प्रशासन की ओर से जो भी परीक्षाएं करवाई गई उनके लिए कभी भी आंसर की जारी नहीं की गई। इसमें एचपीयू की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं। एसएफआई के जिला शिमला के अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि यह युवाओं से सरासर धोखा है। इसमें किसी भी तरह की पारदर्शिता नहीं हैं। छात्र रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। एचपीयू प्रशासन की लेटलतीफी छात्रों पर भारी पड़ रही है। एनएसयूआई के कैंपस प्रेजिडेंट रजत भारद्वाज का कहना है कि एचपीयू की कार्यप्रणाली हमेशा ही सवालों के घेरे में रही है। पंचायत सचिव की परीक्षा के लिए एचपीयू ने मनमानी फीस ली। छात्र इंतजार रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश विवि का इसमें लचर रवैया है। विवि प्रशासन जल्द से जल्द रिजल्ट घोषित करे।


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