भोरंज में लावारिस पशुओं के डर से किसानों ने छोड़ी खेती

By: Jan 20th, 2022 12:54 am

प्रशासन-सरकार के खिलाफ बढ़ रहा रोष; उपजाऊ भूमि हुई बंजर, लोगों ने प्रशासन से लगाई गुहार
सतीश शर्मा-भोरंज
भोरंज उपमंडल में दो गोसदन होने के बावजूद लावारिस पशुओं की तादाद कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। फसलों पर लावारिस पशुओं के टूटते कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी है। आलम यह है कि जाहू, मुंडखर, भलवाणी, धमरोल, भुक्कड़, अमरोह, कक्कड़, बडैहर व धिरड़ सहित करीब नौ पंचायतों में करीब दो हजार कनाल भूमि पर किसानों ने बिजाई करना छोड़ दिया। इससे यह उपजाऊ भूमि बंजर हो गई है। पशुओं को लावारिस छोडऩे वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से किसानों में सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। भोरंज उपमंडल के एक दर्जन पंचायतें सीर और सुनैहल खड्ड के किनारे हैं। इन खड्डों में सालभर पानी रहने की वजह से लावारिस पशुओं के झुंड इनके किनारे दिनभर लगे रहते हैं। इन पंचायतों की भूमि गेहंू, धान व मक्की की फसल की उत्पादकता के लिए मशहूर है। सबसे ज्यादा किसान जाहू पंचायत के परेशान हैं। मुंडखर में बने पुल से लेकर जाहू में सुनैहल खड्ड तक करीब 800 कनाल भूमि बिना बिजाई से बंजर बन चुकी है। इसी तरह मुंडखर पंचायत की करीब सौ कनाल भूमि लावारिस पशुओं के नुकसान से बंजर हो चुकी है। धमरोल पंचायत में धमरोल गांव के पास करीब तीन सौ कनाल भूमि तीन साल से बिना बिजाई से बंजर बन गई है। इस भूमि पर करीब 50 से 60 लावारिस पशु हर रोज देखे जा सकते हैं। धिरड़, कक्कड़, भुक्कड़ व अमरोह पंचायत की करीब पांच सौ कनाल भूमि पर किसानों ने लावारिस पशुओं डर से खेतीबाड़ी करनी छोड़ दी है।

लावारिस पशुओं को गोसदन में आश्रय देकर लोगों को राहत पहुंचाने की प्रशासनिक कवायद भी संख्या के आगे दम तोड़ती नजर आ रही है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द लावारिस पशुओं को शहर की सड़कों से न खदेड़ा गया, तो आगामी दिनों में समस्या और विकराल रूप धारण कर लेगी। उन्होंने जिला व उपमंडल प्रशासन से जल्द शहर की सड़कों को लावारिस पशुओं से मुक्त करवाकर निजात मांगी की है। लोगों में भोरंज के पूर्व प्रधान गरीब दास, रत्न चंद, रमित, यशवंत, विनय, राजू, टेक चंद, संजीव, धर्म चंद, बलबीर शर्मा, संजय, व्यापार मंडल भरेड़ी के प्रधान अरुण कुमार अरोड़ा, सचिव कर्म चंद सहगल, बलबीर, संजय, नीलम, अनूप, राजेश, सोनू, कमलु, किसान उद्यम सिंह, कर्म चंद, सुरजीत सिंह, चमेल सिंह, कांशी, कमलदेव, चिरंजी लाल, सुरेंद्र कुमार, शक्ति चंद, बलदेव, सुंदर, बंशी लाल, धर्म चंद, वीर, खजाना राम, धर्मपाल डोगरा, दलीप, मुंशी राम, रतन चंद, सुरेश कुमार, पवन कुमार, कृष्ण चंद, अजय कुमार, रमेश चंद, प्रकाश चंद, ब्यासां देवी, सिमरो देवी, कर्मी देवी, कांता देवी का कहना है कि लावारिस पशुओं की वजह से खेती की बिजाई करना छोड़ दिया है। (एचडीएम)


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