अढ़ाई लाख कर्मचारियों को चपत

कार्यालय संवाददाता -हमीरपुर
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ छठे वेतन आयोग को लागू करने से हिमाचल प्रदेश के तमाम शिक्षकों एवं कर्मचारियों को हो रहे नुकसान व ठगने का प्रयास हिमाचल सरकार कर रही है। हमीरपुर जिलाध्यक्ष राजेश गौत्तम ने बताया कि हिमाचल में इससे पहले 2006 का पे कमीशन 2009 में लागू किया गया था, जिसमें रूल 2009 के तहत जो प्रावधान 2009 में पांचवें वेतन आयोग में किए गए थे बाद में 1-10-12 को कुछ खामियों के कारण उस वेतन आयोग में कुछ संशोधन किए गए थे, जिससे बहुत से कर्मचारियों और शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ गया था, लेकिन उसी संशोधन में हिमाचल सरकार ने पंजाब सरकार के संशोधन को पीछे छोड़कर एक अपना नया पैरामीटर तय किया था। उस वक्त के वित्त सचिव श्रीकांत बाल्दी ने हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की कमर तोडऩे के लिए उस समय कटौती कर उन्होंने पूरी मनमानी करते हुए कर्मचारियों के बहुत से लाभ छीनने का काम किया, जिसमें पंजाब से हटकर हिमाचल में 1-10-12 को ग्रेड पे के संशोधन में कर्मचारी व शिक्षकों को इनिशियल स्टार्ट बंद कर दिया।

साथ में नए वेतनमान को लागू करने के लिए नई नियुक्तियों एवं पदोन्नति पर दो साल की बेवजह शर्त थोप दी और दिनांक 7-7- 14 को 4-9-14 टाइम स्केल के रूल 2009 के तहत निर्धारित किए गए टाइम स्केल को भी तहस-नहस कर दिया, जिसका खामियाजा छठे वेतन आयोग में आज हिमाचल प्रदेश के अढ़ाई लाख कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है। हालांकि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने उसी वक्त इन दोनों चीजों का कड़ा विरोध किया था और कई बार इसको लेकर आंदोलन भी किया और समय-समय पर पिछली दोनों सरकारों से लगातार आग्रह भी करते रहे कि 26-2-13 और 7-7-2014 की इन दोनों अधिसूचनाओं को हिमाचल सरकार निरस्त करे। संघ प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान के नेतृत्व में प्रदेश के सभी कर्मचारियों से अपील करता है कि जब तक हिमाचल में पंजाब के वेतन आयोग को उसी रूप में लागू नहीं किया जाता है। तब तक कोई भी कर्मचारी व शिक्षक अपनी ऑप्शन न दें । सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिए कर्मचारी,शिक्षक वर्ग संयुक्त मोर्चा के बैनर तले इक_े हो जाएं। संघ उम्मीद करता है कि शिक्षक और कर्मचारी न्याय की इस लड़ाई को मिलकर सभी को अवश्य जीतेंगे। इस मुहिम के चलते एकजुट होना होगा।