बल्क ड्रग पार्क से पहले 750 करोड़ का निवेश, बीबीएन में नया एपीआई यूनिट लगाएगा मैसर्ज जेएजीएस फार्मा
उद्योग विभाग के प्रयास से मिला उद्योग
अमन वर्मा – शिमला
राज्य को अभी बल्क ड्रग पार्क बेशक न मिला हो, लेकिन एक्टिव फार्मा इन्ग्रेडियेंट यानी एपीआई यूनिट में नया निवेश हिमाचल आ रहा है। बीबीएन में मैसर्स जेएजीएस फार्मा प्राइवेट लिमिटेड लगभग 750 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के साथ एपीआई और कैप्सूल शेल का निर्माण करेगी। उक्त कंपनी ने इससे पहले हरियाणा में उद्योग लगाने की रुचि जताई थी, लेकिन उद्योग विभाग के प्रयासों से यह कंपनी अब हिमाचल प्रदेश में निवेश करेगी। कंपनी ने इसके साथ-साथ फॉर्मूलेशन व संबद्ध गतिविधियों से युक्त फार्मा पार्क की स्थापना के लिए निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति के माध्यम से प्रदेश सरकार के साथ समझौता ज्ञापन साइन किया है।
इसमें 1000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेगा। इस फार्मा पार्क के लिए करीब 25 से 30 एकड़ जमीन की जरूरत है। इस परियोजना के साथ 8-10 सहायक इकाइयों के भी आने की उम्मीद है। इस पार्क की अनुमानित एपीआई क्षमता 4000 टन विभिन्न अणुओं की होगी, जिसमें दर्द निवारक एंटीबायोटिक्स एंटी डायबिटिक कार्डियो वैस्कुलर आदि शामिल हैं और यह स्थानीय फॉर्मूलेशन उद्योग के लिए एक बड़ा वरदान होगा। कुल उत्पादन का लगभग 15-20 प्रतिशत विभिन्न गंतव्यों को निर्यात किया जाएगा। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले ही बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बोली जमा कर दी है, जिसका मूल्यांकन भारत की डीओपी सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस पार्क को हासिल करने में भी राज्य सबसे आगे है। हाल ही में राज्य सरकार ने 850 करोड़ के निवेश के साथ नालागढ़ में किनवन फार्मा पार्क को भी आकर्षित किया है, जो काउंटी की एंटीबायोटिक्स की 57 प्रतिशत नमक आवश्यकता को पूरा करेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में इस परियोजना का स्वागत किया है।
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