हमीरपुर पहुंचीं 827 चैप कटर मशीनें

किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर करवाई जा रही मुहैया
मंगलेश कुमार-हमीरपुर
कृषि विभाग हमीरपुर के पास चैप कटर (घास काटने का टोका) मशीनों की खेप पहुंच गई है, जिसे ब्लॉकों को डिमांड के मुताबिक भेजा जा रहा है। किसानों को 50 फीसदी सबसिडी पर ये मशीनें मुहैया करवाई जाएगीं। डिमांड देने वाले किसानों को ये मशीनें सबसे पहले वितरित की जाएगी। उसके बाद दूसरे किसानों की डिमांड पूरी की जाएगी। कृषि विभाग हमीरपुर ने किसानों की डिमांड पर जिला भर के लिए 1184 के करीब चैप कटर मंगवाए थे। विभाग को दूसरी खेप में 827 चैप कटर (घास काटने का टोका) की सप्लाई भेजी गई है, जिसे ब्लॉकों के कृषि विक्रय केंद्रों को डिमांड के मुताबिक भेजा जा रहा है, ताकि किसानों को घरद्वार के नजदीक घास काटने की मशीनें सबसिडी पर मुहैया करवाई जा सकें। ब्लॉकों में किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर ये मशीनें वितरित की जा रही हैं। कृषि विभाग को घास काटने का टोका दो हॉर्स पॉवर का करीब 13800 रुपए में पड़ रहा है, जिसे किसानों को 7100 रुपए में दिया जा रहा है। क्योंकि टोका मशीन के साथ हर ब्लॉक में अपने-अपने हिसाब से दवाइयां व बीज इत्यादि भी साथ में दिए जा रहे हैं।
हालांकि टोका मशीनें उन किसानों को सबसे पहले वितरित किए जा रहे हैं, जिन्होंने ब्लॉकों में अपने नाम दर्ज करवा रखे थे। ब्लॉकों के अधिकारी उन्हें फोन के माध्यम से सूचित करने में लगे हुए हैं, ताकि वे समय पर अपना टोका मशीन ब्लॉकों से उठा सकें। अगर उसके बाद भी कोई टोका मशीन रह जाती है, तो उसे दूसरे किसानों को बेचा जाएगा। किसान लंबे समय से घास काटने वाली मशीनों का इंतजार कर रहे थे। क्योंकि कृषि विभाग को पहली खेप में 490 टोका मशीनें ही मिल पाई थी। ऐसे में अधिकतर किसानों को टोका मशीनों से वंंचित रहना पड़ा था। जो किसान टोका मशीनों से वंंचित रह जाएंगें, उन्हें अपना नाम संबंधित ब्लॉक में दर्ज करवाना होगा, ताकि अगली खेप में उन्हें मशीनें मिल सकें। कृषि विभाग लगातार किसानों को सबसिडी पर दी जा रही मशीनों व अन्य उपकरण समय-समय पर बांट रहा है, ताकि किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही योजना से लाभ मिल सके। (एचडीएम)
कृषि विभाग के पास चैप कटर की दूसरी खेप पहुंच गई है। 827 चैप कटर ब्लॉकों के कृषि विक्रय केंद्रों को डिमांड के मुताबिक भेज दिए गए हैं। किसान इन्हें 50 फीसदी अनुदान पर प्राप्त कर सकते हैं। जो किसान टोका मशीनों से बंचित रह जाएंगे, वे अपना नाम कृषि विक्रय केंद्रों में दर्ज करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें अगली खेप में मशीनें मिल सकें।
डा. अनूप कतना, कार्यकारी उपनिदेशक, कृषि विभाग हमीरपुर