किन्नौर के रोपा वेली में तीरंदाजी खेल

By: Jan 18th, 2022 12:10 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-रिकांगपिओ
किन्नौर जिले के रोपा वेली में तीरंदाजी खेल की परंपरा सदियों पुरानी है। बताते है कि तीरंदाजी खेल तब खेली जाती है जब स्थानीय देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर जाते है। हालांकि वेली के हर गांव में अपने स्तर पर मान्यता के अनुसार तीरंदाजी खेला जाता है। जिला के रुशकलंग गांव में इन दिनों तीरंदाजी खेल खेला जा रहा है। स्थानीय देवी टुंगमा जी; दोर्जे छेनमो जी स्वर्ग प्रवास पर है। देवी के आशीर्वाद से ही यह खेल खेला जाता है। रुशकलंग गांव के अमीर नेगी, सुंदर सिंह छोरज्ञा, टीसी छोरज्ञा, नंद किशोर नेगी, कर्मा बोरिस, तंजीन नेगी,निर्मल लामा,छोटू नेगी,विनोद कुमार नेगी,चंद्र प्रकाश नेगी ने कहा कि तीरंदाजी खेल के लिए चार टीमें बनाई जाती है।

टीम का एक एक कप्तान होता है जिस के दिशा-निर्देश का पालन करना अनिवार्य है। देवी जी के स्वर्ग प्रवास के साथ ही तीरंदाजी शुरू होती है। देवी जी के स्वर्ग वापसी के साथ ही इस खेल का समापन होता है। मान्यता है कि स्थानीय देवी जी के स्वर्ग प्रवास पर जाते ही उनकी अनुपस्थिति के दौरान बुरी शक्तियों के प्रकोप को नष्ट करने के उद्देश्य से गांव में तीरंदाजी खेल का आयोजन होता है। ।जीत. हार फैसले के बाद देवी जी के स्वर्ग वापसी के बाद दावत एवं लोक नृत्य का आनंद लेते हुए होता है। ऐसी मान्यता है कि स्वर्ग प्रवास पर भी सभी देवी देवता इक_ा होकर आपस मे पासा खेलते है। उस पासा खेल में कृषि, व्यापार, फसल प्राकृतिक आपदा, सामाजिक एवं जनहित सहित वार्षिक शुभ एवं अशुभ फल का निर्णय पासा खेल में हार या जीत के आधार पर होता है। जीत और हार का फलादेश स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक के वापसी पर देवी देवता के माली-गूर ही जनता को बताते है।


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