वेतन आयोग पर न उलझाएं, अध्यक्ष विनोद कुमार के बोल, विसंगतियां दूर करे सरकार

By: Jan 16th, 2022 12:03 am

सभी को तय फार्मूले से एक गुणांक 2.59 ही मिले

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-शिमला
छठे वेतन आयोग संबंधी विवाद को विनोद कुमार वाले गुट के अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने सरकार की असफलता बताई है। सरकार इसे समझने और इसका निराकरण करने में सफल नहीं हो पा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह सरकार की अफसरशाही और सरकार दोनों का रवैया कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक नहीं है। हालात ये पैदा हो गए हैं कि अब कर्मचारियों को वेतन निर्धारण के मामले में भी सरकार ने उलझा दिया गया है।

सरकार गंभीरता से इसकी पुन:समीक्षा कर कर्मचारियों को राहत दे, क्योंकि आज तक वेतन आयोग के सिद्धांत को लेकर इस प्रकार की असमंजस की स्थिति कभी पैदा नहीं हुई। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार के साथ महांसघ के नेताओं गोविंद बरागटा, अश्वनी शर्मा, विनोद शर्मा, गीतेश पराशर ने सरकार से मांग की है कि सरकार संशोधित वेतनमानों को किंतु-परंतु में न उलझाकर पाचवें वेतन आयोग पर आधारित 30 दिसंबर 2015 को जो मूल वेतन, गे्रड-पे और डीए बनता है, उसपर 2.59 के फार्मूले को निर्धारित करते हुए इसके मुताबिक पहली जनवरी 2016 को वेतन का निर्धारण किया जाए। केवल एक ही फार्मूला 2.59 लिया जाए तभी किसी भी कर्मचारी अधिकारी की किसी भी प्रकार की वेतन विसंगति नहीं आएगी। अगर सरकार कर्मचारियों के आर्थिक मसलों पर गंभीर है तो केवल 2.59 के फैक्टर (फार्मूला) के आधार पर ही 31 दिसंबर 2015 के एम्ल्यूमैन्टस के ऊपर पहली जनवरी 2016 को वेतन निर्धारण की अधिसूचना जारी क रें अन्यथा यदि और फार्मूले साथ में खड़े किए जाते हैं, जैसे कि अभी किए गए हैं, तो इसमें विसंगतियां पैदा होंगी।


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