Himachal : सिरमौर की सड़कों पर सफर… जो एक बार आए, वह कई बार पछताए

By: Jan 15th, 2022 12:08 am

सूरत पुंडीर – नाहन

आम जनजीवन की भाग्य रेखाएं मानी जाने वाली सड़कें जब तक ठीक नहीं होंगी, तब तक लोगों का जीवन किस तरह बेहतर होगा। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में भी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की बात तो दूर जिला की स्टेट हाई-वे व नेशनल हाई-वे की सड़कों पर भी लोगों को आरामदायक सफर नहीं मिल रहा है। जिला सिरमौर की एमडीआर, स्टेट हाई-वे व नेशनल हाई-वे की सर्पीली सड़कों पर कदम-कदम पर ब्लैक स्पॉट हादसों को न्योता देते हैं। जिला सिरमौर के पांवटा साहिब से गुम्मा नेशनल हाई-वे में करीब साढ़े 1300 करोड़ रुपए की लागत से डबल लेन का कार्य चल रहा है। बद्रीपुर-गुम्मा नेशनल हाई-वे की करीब 95 किलोमीटर के हिस्से का डबललेन का कार्य चार हिस्सों में चल रहा है। एक हिस्से की टेंडरिंग की प्रक्रिया अभी जारी है। भले ही देश की चार नामी कंपनियां 1350 करोड़ के इस 95 किलोमीटर के हिस्से को डबललेन का कार्य कर रही हैं। बावजूद इसके इस मार्ग पर डंपिंग यार्ड को लेकर लगातार स्थानीय लोग, किसान व पर्यावरण प्रेमी मोर्चा खोले हुए हैं। किसानों व भू-मालिकों का कहना है कि एनएचएआई द्वारा जो टेंडर दिए गए हैं, उनके ठेकेदारों द्वारा लाखों टन मलबे की डंपिंग अवैध रूप से की जा रही है। यही कारण है कि बद्रीपुर-गुम्मा नेशनल हाई-वे 707 आए दिन बारिश के दौरान घंटों बंद रहता है।

भले ही सैकड़ों मशीनें इस मार्ग पर चौबीस घंटे कार्य कर रही हैं, परंतु आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित है। जहां इस मार्ग पर एक घंटे का समय गंतव्य स्थान तक पहुंचने में लगता था, वह अब अढ़ाई से तीन घंटे तक पहुंच चुका है। इस मार्ग का मैटलिंग का तमाम हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। कदम-कदम पर बड़़ी-बड़़ी मशीनें नेशनल हाई-वे 707 को डबल लेन के लिए कार्य पर लगी हैं। ऐसे में यहां पर घंटों जाम भी लगा रहता है। जगह-जगह बद्रीपुर-गुम्मा नेशनल हाई-वे के 95 किलोमीटर के हिस्से पर सड़क पर पानी भरा रहता है, जहां से वाहनों का निकलना खतरे से खाली नहीं रहता है। जगह-जगह पर भू-स्खलन व पत्थर गिरने का भी खतरा बना रहता है। ठेकेदारों द्वारा पूरी तरह से अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों का सीना छलनी किया जा रहा है। ऐसे में इस मार्ग पर आए दिन घंटों जाम लगा रहता है।

किसानों को डबललेन नहीं, डंपिंग साइट से ऐतराज

नेशनल हाई-वे 707 के डबल लेन पर सबसे बड़ा ऐतराज क्षेत्र के किसान, बागबान व भू-मालिक डंपिंग साइट को लेकर जता रहे हैं। कई बार धरने-प्रदर्शन हो चुके हैं। साथ ही कुछ प्रभावित लोग केंद्रीय मंत्रालय तक अपनी आपत्ति जता चुके हैं। डंपिंग यार्ड के कारण भू-स्खलन की संभावनाएं बढ़ गई हैं। किसानों की सैकड़ों बीघा जमीनें बर्बाद हो रही हैं। गौर हो कि बद्रीपुर-गुम्मा नेशनल हाई-वे के करीब 95 किलोमीटर के हिस्से में से 70 किलोमीटर का मार्ग डबल लेन बनना है।

पंचायतों-स्कूलों से भी ली जाती है एनओसी

नेशनल हाई-वे प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता विवेक पांचाल का कहना है कि बद्रीपुर-गुम्मा नेशनल हाई-वे के 95 किलोमीटर के डबल लेन के कार्य पर फिलहाल साढ़े 1300 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। डंपिंग साइट को लेकर भी मंत्रालय से मंजूरी दी जाती है, जबकि कुछ डंपिंग साइट संबंधित ठेकेदार द्वारा मौके पर संबंधित पंचायतों व आसपास के स्कूलों से एनओसी के बाद बनाई जाती है। संबंधित ठेकेदार की पांच वर्ष की डिफेक्ट लायबिलिटी तय की जाती है।

वन विभाग की अनुमति के बिना फेंका जा रहा लाखों टन मलबा

क्षेत्र के किसान व समाजसेवी नाथू राम चौहान, भगत राम शर्मा, मेहर सिंह, बंसी राम शर्मा, लखी राम, संत राम, हुकमी राम, केदार सिंह, नोमी देवी आदि प्रभावित लोगों का कहना है कि एनएच-707 के अवैज्ञानिक डबल लेन कार्य से पेयजल, सिंचाई योजनाएं व कई संपर्क मार्ग के अलावा जल स्रोत प्रभावित हुए हैं। डंपिंग साइट पर कच्ची दीवारें लगाई जा रही हैं। वन विभाग की अनुमति के बिना लाखों टन मलबा डंप किया जा रहा है। प्रशासन व प्राधिकरण इसे अनदेखा कर रहे हैं, जिससे भारी जानमाल का खतरा हो सकता है।


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