निगम के वार्ड बढ़ाने को भेजें आपत्तियां और सुझाव

By: Jan 16th, 2022 12:46 am

नगर निगम के विशेष सदन की कार्यवाही पर सरकार ने दिया दस दिन का टाइम,नियमानुसार बढ़ सकते हंै तीन और वार्ड

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
चुनावीं वर्ष में नगर निगम शिमला में वार्डों की संख्या बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है। सरकार के कहने पर नगर निगम द्वारा बुलाए गए विशेष सदन में पार्षदों के सुझाव व आपत्तियों पर संज्ञान लिया गया है। सरकार ने इसे नोटिफाई करते हुए अब दस दिनों के भीतर लोगों से आपत्तियां व सुझाव मांगे है। हालांकि कई लोगों द्वारा इस संबंध में राज्यपाल के माध्यम से भी निगम में शामिल न होने संबंधी ज्ञापन भी सौंपे है। मौजूदा समय में वार्डों की 34 है और नियमानुसार यदि वार्डों की संख्या बढ़ाई जानी है तो सिर्फ 3 ही बढ़ सकती है और इससे अधिक संख्या में वार्ड बढ़ाने है तो इसके लिए एक्ट में संशोधन की आवश्यकता है। हालांकि नगर निगम में शामिल होने वाले क्षेत्रों के लोगों सहित कांग्रेस समर्थित पार्षद इसका विरोध जता चुके है, जबकि भाजपा समर्थित पार्षद ही निगम में नए क्षेत्रों को शामिल करने की पैरवी कर रहे है। हालांकि वार्डों की संख्या बढ़ाने केा लेकर शहरी विकास मंत्री के कार्यालय में जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की हुई बैठक में वार्डों की संख्या बढ़ाने और बड़े वार्डों को कम करके और कम संख्या वाले वार्डों में नए क्षेत्रों को शामिल करने की बात कही गई है। शहरी विकास विभाग ने नए क्षेत्रों को मर्ज करने के लिए आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इसकी 10 दिन की अवधि पूरी होते ही इन क्षेत्रों को निगम की परिधि में लिया जाएगा। दूसरी तरफ शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने वीरवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। कुछ दिन पहले ही नगर निगम के वार्डो को लेकर शहरी विकास मंत्री ने नगर निगम के आयुक्त व शहरी विकास विभाग के निदेशक के साथ बैठक की थी। राजधानी शिमला में कृष्णानगर, मालरोड से लेकर कई वार्ड ऐसे है, जिनमें लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। इन वार्डो को छोटा किया जा सकता है। वहीं शहर के कुछ वार्ड ऐसे भी हैं जिन्हें तोड़कर बनाने की तैयारी चल रही है। इसमें भराड़ी, रुलदूभ_ा, कैथू व अनाडेल वार्ड शामिल हैं। कई वार्डों की सीमाएं बदलने पर भी चर्चा चली हुई है। मौजूदा समय में शहर के वार्डो की संख्या 18 तो उपनगरों की संख्या 16 है।

इन ग्रामीण इलाकों को शामिल करने की है योजना
ग्रामीण इलाकों से शहरी क्षेत्र में शामिल होने वाले एरिया में शांति विहार से भट्टाकुफर, ढली-ब्योलिया बाईपास, कलीफटन क्षेत्र का मैहली व पंथाघाटी, दूधली, केलटी क्षेत्र, चकरयाल, भट्टाकुफर, घोड़पा व जाखा, नवबहार व शनान क्षेत्र शामिल है। इन क्षेत्रों को नगर निगम में मर्ज करने के लिए एसडीएम शिमला ग्रामीण ने जिलाधीश से पत्राचार किया और रिपोर्ट सौंपी थी। सरकार के पास सिर्फ मशोबरा वाले क्षेत्र की लोगों की शहरी क्षेत्र में शामिल करने की प्रोपोजल को सरकार को भेजा है, जबकि ठंडीधार, पंथाघाटी सहित 9 जगहों की प्रोपोजल पर नगर निगम के विशेष सदन में चर्चा भी हुई है, जिसमें कई पार्षदों ने अपनी असहमति जताई है। शहर के बड़े वार्डों को भी तोडऩे पर विचार किया जा रहा है। शहर में मौजूदा समय में विकासनगर सबसे बड़ा वार्ड है और यहां 9200 जनसंख्या है, जबकि इसके बाद 8400 के साथ खलीणी व 7100 जनसंख्या के साथ कृष्णानगर वार्ड है। जबकि ढली व सांगटी सहित कई छोटे वार्ड है, जिसमें 400 से 500 वोट है और इनमें कई अन्य क्षेत्र शामिल करने की भी योजना है।

पुनर्सीमांकन के बाद हुए चुनाव तो बदल जाएगा रोस्टर
2012 में नगर निगम में 25 वार्डों में चुनाव करवाए गए थे। 2017 में नगर निगम के वार्डों की संख्या बढ़ाकर 34 कर दी गई। अब दोबारा निगम के वार्डों को बढ़ाने की तैयारी है। यदि नगर निगम के चुनाव पुनर्सीमांकन के बाद होते हैं तो नया रोस्टर लागू होगा। जो वार्ड पिछली बार महिला या विशेष वर्ग के लिए आरक्षित थे, वह दोबारा आरक्षित हो सकते हैं। यदि वार्डों की संख्या नहीं बढ़ती है पुनर्सीमांकन नहीं होता है तो आरक्षण रोस्टर लागू होगा। इसमें जो वार्ड पिछली बार आरक्षित थे, वे ओपन हो सकते हैं। नियमों के मुताबिक 50 प्रतिशत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होते हैं। ऐसे में 17 वार्ड जो पिछली बार महिलाओं के लिए आरक्षित थे, इस बार ओपन हो सकते हैं। पुनर्सीमांकन हुआ तो फिर आरक्षण रोस्टर फिर लागू होगा


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