पंजाब की तर्ज पर लागू हो छठा पे कमीशन

बैठक में प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने बिना छेड़छाड़ लागू करने की उठाई मांग

निजी संवाददाता-बड़सर
हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ की खंड बिझड़ी इकाई के प्रधान कमल चौहान की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में मुख्य एजेंडा नवनीत जसवाल ने प्रस्तुत किया। मुख्य मुद्दा प्रदेश सरकार की ओर से तीन जनवरी को जारी वेतनमान संशोधन अधिसूचना द्वारा छठे पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट को तोड़-मरोड़ कर हिमाचल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारी वर्ग के लिए पंजाब की तुलना में कम स्तर पर लागू करने से संबंधित रहा। सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने वेतनमान संशोधन अधिसूचना को लेकर असंतोष जताया और कहा कि सरकार चाहे वह पुरानी पेंशन का मुद्दा हो चाहे वह छठे वेतन आयोग को लागू करने का मुद्दा हो सरकार कमेटी फ्रेम की आड़ में कर्मचारियों के हाथ लॉलीपॉप थमाने जैसा कार्य कर रही है। वर्चुअल बैठक में सभी पदाधिकारियों सहित सभी ब्लॉक प्रधानों ने प्रदेश सरकार से छठे पंजाब पे कमीशन को बिना किसी छेड़छाड़ के मूल रूप से प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग की।

संघ के प्रधान कमल चौहान ने कहा कि जब हिमाचल में सरकार वर्ष 1978 से पंजाब पे कमीशन को मूल रूप से हिमाचल में लागू करती आ रही है, तो इस बार छठे पे कमीशन को लागू करते समय पंजाब पे कमीशन का क्यों अनुसरण नहीं किया जा रहा है। प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने बताया कि प्रदेश सरकार की इन कमेटियों के फ्रेम करने का तात्पर्य और कुछ नहीं केवल मात्र सभी कर्मचारी वर्गों का ध्यान हटाने वाली बात है, जैसा कि पेंशन के मुद्दे को लेकर एक बैठक बुलाई गई और कमेटी का गठन किया गया, लेकिन उसका परिणाम अब तक भी हमारे सामने नहीं आ पाया है। विज्ञान अध्यापक संघ सरकार से पुरजोर मांग कर रहा है कि इस छठे वेतन आयोग को तोड़-मरोड़ कर नहीं, बल्कि बिना छेड़छाड़ से पंजाब की तर्ज पर लागू किया जाए अन्यथा सभी कर्मचारी वर्ग चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य कर्मचारी वर्ग सरकार के समक्ष अपनी मांग को पूरा करने के लिए सड़कों पर भी उतरना जानते हैं। बैठक में सभी खंडों के प्रधान नरेश कुमार, रविंद्र, हंसराज, राजीव, वीरेंद्र, कमल शर्मा, रजनीश व बिझड़ी ब्लॉक के बीआरसीसी अप्पर प्राइमरी अजय शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।