पे-कमीशन लागू करने की प्रक्रिया और आसान, अब पे-फिक्सेशन की वेरिफिकेशन करना जरूरी नहीं

By: Jan 21st, 2022 12:08 am

वित्त विभाग ने कहा, अब सिर्फ रेंडम चेकिंग ही होगी

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

हिमाचल सरकार ने नए वेतन आयोग को लागू करने में हो रही देरी को खत्म करने के लिए नया फैसला लिया है। वित्त विभाग ने सभी ट्रेजरी अफसरों को कहा है कि पे- फिक्सेशन के सभी दस्तावेजों की वेरिफिकेशन जरूरी नहीं है। इससे पहले ज्वाइंट डायरेक्टर ट्रेजरी की तरफ से ऑर्डर दिए गए थे कि फिक्सेशन के आदेशों की लीगल स्क्रूटनी के लिए सभी जिला ट्रेजरी अधिकारी और अन्य ट्रेजरी अफसर वेरिफिकेशन और चेकिंग के लिए जिम्मेदार होंगे। यह आदेश डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी और सब ट्रेजरी स्तर पर लागू हुए थे। इन आदेशों में यह भी कहा गया था कि ट्रेजरी अफसर डीडीओ के आधार पर फाइल मेंटेन करेंगे, ताकि फिक्सेशन के मैटर्स की बाद में भी चेकिंग की जा सके। लेकिन इन आदेशों के कारण ऐसा लग रहा था कि इससे पे-कमीशन को लागू करने में कहीं देर न हो जाए, क्योंकि इस प्रक्रिया के अनुसार डीडीओ पे-फिक्सेशन कर रहे थे और फिर ट्रेजरी अफसर इसकी वेरिफिकेशन कर रहे थे। इससे समय और बढ़ जाना था और सैलरी बिल पारित होने में और देरी होनी थी, जबकि सरकार को जनवरी का फरवरी में दिया जाने वाला वेतन नए वेतन आयोग के हिसाब से देना है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने बताया कि यह मामला ध्यान में आने के बाद कुछ संशोधन करने के लिए कहा गया है। क्योंकि समय कम है, इसीलिए सभी डीडीओ की पे-फिक्सेशन की वैटिंग संभव नहीं है। बड़े विभागों में इससे दिक्कत आने की आशंका है। इसलिए अब यह निर्देश दिए गए हैं कि डीडीओ से आने वाली पे- फिक्सेशन की फाइलों की रेंडम चेकिंग की जाए और इस बारे में यदि जरूरी हो, तो हिमाचल प्रदेश फायनांस एंड अकाउंट्स सर्विस के लोगों को कंसल्ट किया जा सकता है। हर केस की वैटिंग अब जरूरी नहीं होगी। इस बारे में निर्देशों में संशोधन किया जा रहा है।


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