यह ऑनलाइन गेम्स को बैन करने का नहीं, कानून लाने का वक्त

नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा हाल में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फिक्की गेमिंग कमेटी (एफजीसी) ने सरकार से एक सक्षम गेमिंग नीति अपनाने की अपील की है। इस नीति का लक्ष्य एक सुरक्षित और जिम्मेदारी-भरा गेमिंग परिवेश सुनिश्चित करते हुए खिलाडिय़ों की सुरक्षा करना है। गौरतलब है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने राज्य में ऑनलाइन गेमिंग को बंद करने की बात कही थी।

फरवरी, 2021 में राज्य सरकार ने तमिलनाडु गेमिंग ऐक्ट, 1930 में संशोधन किया था, जिसमें ऑनलाइन गेम्स पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले लिए गए कई निर्णयों के आधार पर अगस्त, 2021 में इस कानून को हटा दिया था। कोर्ट ने दोहराया कि सुरक्षा को गेम्स ऑफ स्किल के लिए संविधान के तहत वहन किया गया है। फिक्की गेमिंग कमेटी एक सुरक्षित परिवेश तैयार करने में सरकार की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि हम दोहराना चाहेंगे कि केवल प्रतिबंध से खिलाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होगी, बल्कि बदले में इससे अनैतिक, गैरजिम्मेदार ऑपरेटर्स को लाभ पहुंचता है और अवैध एवं गुप्त गेमिंग गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। इससे उस आबादी पर हानिकारक असर पड़ता है जिसे सरकार सुरक्षित करना चाहती है।

फिक्की गेमिंग कमेटी का विशवास है कि एक स्थाई विनियामक प्रक्रिया (रेगुलेटरी मैकेनिज्म) का होना समय की जरूरत है, जो उपभोक्ताओं एवं वैध ऑपरेटर्स की रक्षा करने वाली स्पष्ट जरूरतों को पूरा करता है। सरकार को मनोरंजन के इस नए प्रकार को नियमित करने पर विचार करना चाहिए और इस तरह कई मुद्दों से निपटा जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण, इससे जिम्मेदार मनोरंजन विकल्पों का अभिगम मुहैया कराने से खिलाडिय़ों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

फिक्की के महानिदेशक अरुण चावला ने कहा कि सरकार का इरादा यूजर्स की रक्षा करना है और हम इसकी प्रशंसा करते हैं, लेकिन जिस प्रकार से बड़े पैमाने पर पाबंदी लगाईं जा रही है वह असंगत है और अपना उद्देश्य पूरा करने के नजरिये से ठीक नहीं है। यह इन नए तकनीक-संचालित वैध व्यावसायों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करेगा जो राज्य में बेहद जरूरी नौकरियाँ और राजस्व लेकर आ रहे हैं।