पारंपरिक उत्पादों-व्यंजनों के स्टाल

By: Jan 7th, 2022 12:55 am

‘लाजवाब लाहुल मुहिम के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों के स्टालों में लाहुली जायके से रू-ब-रू हो रहे पर्यटक
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — केलांग
विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली और कुल्लू में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगाए जा रहे स्थानीय उत्पादों के स्टालों के माध्यम से लाहुल के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को पर्यटकों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों द्वारा घाटी के व्यंजनों व अन्य उत्पादों काफी पसंद किया जा रहा है। लाजबाव लाहुल मुहिम के अंतर्गत बुधवार को द हिमालयन रिसोर्ट मनाली में एक फूड फेद्घस्टवल का आयोजन किया गया, जिसमें यहां आए सैलानियों का पारंपरिक लाहुली तरीके से स्वागत किया गया व उनके आतिथ्य में लाहुल के पारंपरिक व्यंजनों परोसा गया। सैलानियों द्वारा यहां की छरमा एवं नमकीन चाय, थुकपा, चिलड़ा, टीमो, मोमो, मारचू आदि व्यंजनों को बहुत पसंद किया गया, जबकि लाहुल के स्थानीय उत्पादों जैसे छरमा, काला जीरा आदि की भी बढिय़ा बिक्री हो रही है।

उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि लाहुल-स्पीति में इन दिनों बर्फबारी के कारण पर्यटकों का पहुंचना मुश्किल हो रहा है, परंतु इस मुहिम के द्वारा जिला प्रशासन लाहुल के बेजोड़ पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों और यहां पीढिय़ों से जन जीवन का अभिन्न हिस्सा रहने वाले व्यंजनों को विभिन्न मंचों द्वारा यहां के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पर्यटकों तक पहुंचन ने का प्रयास कर रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कुल्लू और लाहुल-स्पीति के परियोजना निदेशक एवं जिला मिशन प्रबंधक नियोन धैर्य शर्मा ने कहा कि इस फूड फेस्टिवल से सैलानियों ने जहां घाटी के पारंपरिक व्यंजनों को सराहा है, वहीं पर यहां के ऊनी जुराब, दस्ताने, टोपी आदि की भी लगभग 20 हजार की बिक्री हुई है, जिससे स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। मनाली में चल रहे विंटर कार्निवाल में भी लाहुली व्यंजनों का स्टाल लगाया गया है।


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