हिमाचल में बढ़े गिद्द, 400 घौंसले मिले, पहले तीन फीसदी पहुंच चुकी थी संख्या, कांगड़ा और सोलन में बड़ा बदलाव
राकेश शर्मा – शिमला
देश भर में तेजी से लुढ़क कर महज तीन फीसदी पर पहुंच चुके गिद्ध प्रजाति के पक्षियों की जनसंख्या हिमाचल में बढऩे लगी है। प्रदेश के कांगड़ा और सोलन जिला में गिद्ध के घौंसलों की ताजा गिनती में यह बदलाव देखने को मिला है। वन्य प्राणी विभाग के आंकड़ों में भी इसकी रिपोर्ट दर्ज हुई है। कांगड़ा जिला में व्हाइट-वैक्ड वलचर प्रजाति के गिद्द की संख्या भी बढ़ी है। वर्ष 2003 के दौरान प्रदेश भर में 26 घौंसले दर्ज हुए थे। अब यह बढ़कर 400 से अधिक हो चुके हैं। इनके बढऩे का क्रम जारी है। विशेषज्ञ गिद्द की इस खास प्रजाति पर लगातार नजर रख रहे हैं और इनकी संख्या को पंजीकृत किया जा रहा है।
साथ ही जिन क्षेत्रों में इनके घौंसले हैं, उनमें कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं, ताकि गिद्धों को प्रजनन में किसी तरह की कोई दिक्कत पेश न आए। गिद्द ज्यादातर चीड़ के ऊंचे पेड़ों पर घौंसला बनाते हैं और अक्तूबर-नवंबर माह के दौरान प्रजनन करते हैं। जिन जगहों पर गिद्द के घौंसले पाए गए हैं। उन्हें सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग ने घौसलों वाली जगह को कटान के लिए जारी करने से रोक लगा दी है। साथ ही घौंसले वाले पेड़ों से बिरोजा निकालने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। इसके अलावा इन पेड़ों को हर साल आगजनी से बचाने के लिए भी खास प्रबंध किए जा रहे हैं। यही वजह है जो पिछले करीब 19 सालों में गिद्द के घौंसले 400 से अधिक हो चुके हैं।
संकट का खुलासा
बाम्बे नेचर हिस्ट्री सोसायटी के अध्ययन के अनुसार गिद्दों की प्रजाति में 97 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। व्हाइट-वैक्ड वलचर प्रजाति में 99.9 फीसदी की कमी दर्ज हुई थी। इसके बाद वन विभाग के प्रयासों से इस प्रजाति की संख्या हिमाचल में लगातार बढ़ रही है।
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