दुकानों का किराया हो माफ, आईएसबीटी ऊना में दुकानदारों ने खोला मोर्चा

 हड़ताल पर बैठेदुकानदार

नगर संवाददाता-ऊना
आईएसबीटी ऊना के दुकानदारों ने मंदी के चलते हड़ताल का ऐलान कर दिया है। कोरोना काल में दुकानों पर कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। ऐसे में दुकानदार किराया तक नहीं निकाल पा रहे है। इसी के चलते दुकानदार हड़ताल पर चले गए हैं। दुकानदारों ने किराया माफी को लेकर भी आवाज उठाई है। दुकानदारों का कहना है कि नवंबर 2019 में बस अड्डा ऊना का लोकार्पण हुआ था। चार माह बाद ही विश्व सहित भारत देश में कोरोना वायरस का प्रसार आरंभ हो गया था। तब से लेकर अब तक सरकार द्वारा लगाई जा रही बंदिशों से काम पर विपरीत असर पड़ा है। कामकाज पूरी तरह से ठप होकर रह गया है। इसी के चलते उन्हें कारोबार तक बंद करने पड़ गए। वहीं, बंदिशों के चलते लोगों की आवाजाही भी बस अड्डा में कम हो गई है। हालांकि आईएसबीटी प्रबंधन वर्ग के साथी भी बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाने के कारण अब दुकानदारों के पास दुकानों को ताले लगाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है।

संजीव ओहरी, विजय सहित अन्य दुकानदारों ने कहा कि कोविड-19 के कारण एक तरफ जहां कारोबार पूरी तरह से ठप हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें परिवार पालना तो दूर किराया तक निकालना असंभव होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालत यह हो चुकी है कि कई दुकानदारों को अपने काम बंद करते हुए घरों में बैठने पर मजबूर होना पड़ा है। वहीं, जो कारोबारी अभी तक जद्दोजहद कर रहे थे उनकी भी हालत बुरी तरह बिगड़ चुकी है। दुकानदारों का कहना है कि एक एक दुकान का भारी-भरकम किराया देना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि आईएसबीटी प्रबंधन वर्ग को दुकानदारों की हालत का ख्याल करते हुए किराए में कमी करनी चाहिए। अन्यथा कारोबारियों के हाथ अब खड़े हो चुके हैं उन्हें दुकानें बंद करके जाने के अतिरिक्त और कोई दूसरा विकल्प दिखाई नहीं दे रहा।

दुकानदारोंं का किराया माफ करना असंभव

आईएसबीटी का संचालन करने वाले एमआरसी ग्रुप के प्रबंधक प्रवेश शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के दौरान वर्ष 2020 में अप्रैल से अक्तूबर तक सभी कारोबारियों का किराया एकमुश्त माफ किया गया था और उसके बाद भी सभी दुकानदारों को किराए में भारी छूट दी गई थी। उन्होंने कहा कि अब दुकानों का किराया माफ करना बिलकुल भी असंभव है, क्योंकि वो एचआरटीसी को लगातार इसका भुगतान कर रही है सरकार की तरफ से उन्हें कोई रियायत नहीं दी गई है।