मंत्री के सामने बैठक का बहिष्कार

राज्यस्तरीय मां शूलिनी मेले की बैठक बीच में छोडऩे पर मची अफरी-तफरी

निजी संवाददाता, सोलन
राज्यस्तरीय मां शूलिनी मेले के आयोजन को लेकर मंगलवार को हुई बैठक काफी हंगामेदार रही। अपनी अनदेखी से नाराज़ मां के कल्याणे बैठक बीच में ही छोड़ कर चले गए। उनके इस तरह बैठक को छोडऩे से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल व सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल भी मौजूद थे। कल्याणों ने कहा कि बैठक में ऐसे लोगों को जिला प्रशासन ने पूछा, जिन्हें मेले के बारे में अधिक जानकारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि माता के कल्याणों और पुरोहितों को बैठक में सबसे पीछे रखा गया और उनसे कुछ पूछा ही नहीं गया है।

इससे वह नाखुश हैं। बता दें कि सोलन का ऐतिहासिक और प्रसिद्ध राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेला 24 से 26 जून तक आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुष मंत्री डा. राजीव सहजल की अध्यक्षता में मेले के प्रबंधों को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। डा. सहजल ने कहा कि मां शूलिनी मेला कोरोना काल के दो वर्ष बाद आयोजित किया जा रहा है इसलिए इसका आयोजन बड़े स्तर पर होगा। उन्होंने कहा कि मेले में स्थापित होने वाली प्रदर्शनियों में इस बार गोवंश पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कल्याणे शेर सिंह ने कहा कि मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन और चुने हुए नुमाइंदों ने ऐसे लोगों को तवज्जो दी, जिन्हें कुछ पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके प्रति इस तरह का रवैया सही नहीं है और इससे उन्हें ठेस लगी है।

मेला नहीं, भाजपा वर्कर्स की थी बैठक: कांग्रेस
राज्यस्तरीय शूलिनी माता मेले के आयोजन को लेकर सोलन मिनी सचिवालय में मंगलवार को आयोजित बैठक को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की बैठक करार दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि बैठक में उनके द्वारा मेले के संदर्भ में सुझाव पेश किए गए, लेकिन उनको कोई तवज्जो नहीं दी गयी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मानें तो बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं की बातों की और ज्यादा ध्यान देना यही जताता है कि यह बैठक भाजपा की थी न कि मेले की तैयारियों को लेकर।

पार्षद ने भी उठा दिए बड़े सवाल
बैठक के दौरान वार्ड नंबर 9 से भाजपा पार्षद शैलेंद्र गुप्ता ने अधिकारियों के अनुभव पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि शूलिनी मेला कैसे आयोजित किया जाएगा अधिकारियों को अनुभव कम है। उन्होंने ट्रांसफर हुए एक अधिकारी को मेले के आयोजन तक वापस लाने तक की मांग कर दी। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन सभी के सहयोग से मेले को सफल बनाएगा।