रुकमणि के लिए फरिश्ता बनकर आए डा. विनायक

By: May 26th, 2022 12:54 am

मनाली। नौ साल की रुकमणि की आंख में खलते खेलते कांटा चुभ गया। कांटा तो निकल गया, लेकिन बिटिया की एक आंख को नुकसान पहुंचा गया। माता-पिता ने एक दो जगह बेटी की आंख की जांच भी करवाई, लेकिन मामला पेचीदा होने से आंख के डाक्टर आना कानी करते रहे। इलाज महंगा होने के कारण माता-पिता समय पर इलाज नहीं करवा पाए। कांटा चुभने से बेटी की आंख में मोतिया हो गया और उसकी आंख की रोशनी चली गई। जिला कुल्लू के सैंज गांव निवासी पिंगला पत्नी घनश्याम ने बताया कि कुछ महीने पहले उनकी बेटी की आंख में कांटा चुभ गया। कई जगह आंख के डाक्टर से बताया, लेकिन इलाज महंगा होने से वह बेटी का इलाज नहीं करवा पाए। पिंगला ने बताया कि उनका मायका मनाली के बरुआ गांव में हैं बेटी जब मामा के घर आई तो यहां बेटी के मामा ने डाक्टर वीके विनायक से इस बारे बात की। डा. ने नि:शुल्क इलाज करने का आश्वासन दिया। पिंगला ने बताया कि वह बेटी का इलाज करवाने में असमर्थ थे, लेकिन डा. विनायक उनके लिए फरिश्ता बनकर आए और बेटी के आंख की रोशनी फिर लौट आई।

डा. विनायक ने बताया कि जब उन्हें पता लगा कि माता-पिता पैसे की कमी के कारण इलाज नहीं करवा पा रहे हैं तो उन्होंने मासूम बेटी की आंख का आपरेशन नि:शुल्क करने का निर्णय लिया। आपरेशन के लिए बेटी को बेहोश करना था, लेकिन मनाली में बेहोशी का इंजेक्शन लगाने वाला डाक्टर नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कुल्लू से डा. हरीश से संपर्क किया और स्वयं धन की व्यवस्था कर बेटी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर आपरेशन किया। उन्होंने बताया कि आपरेशन भी जटिल था, लेकिन भगवान की कृपा से वह बेटी की आंख की रोशनी लौटाने में सफल हुए हैं। डा. विनायक ने बेटी रुकमणि को भविष्य की शुभकामनाएं दीं और परिजनों को यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया।


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