टेस्ट को भटक रहे मरीज

By: May 29th, 2022 12:50 am

मंडी अस्पताल में सीटी स्कैन-एक्स-रे छोड़ नहीं हो रहा कोई टेस्ट

मणि कुमार — मंडी
क्षेत्रीय अस्पताल में इन दिनों सीटी स्कैन व एक्स-रे को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के टेस्ट के लिए मरीजों व उनके तीमारदारों को निजी प्रयोशालाओं में भटकना पड़ रहा है, जिससे उन्हें निजी लैब में विभिन्न प्रकार के टेस्ट के लिए उनकी मनमर्जी की कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। इसके अलावा एसआर लैब के बंद होने और नई कंपनी कृष्णा डायग्नोस्टिक्स की लैब अभी तक भी न खुलने से परेशानियां और अधिक बढ़ गई हैं। क्योंकि इन कंपनियों के सरकार के साथ एमओयू साइन होने के बाद कुछेक टेस्ट नि:शुल्क होते हैं, जिनकी अदायगी सरकार खुद करती है तो अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी मरीजों व तीमारदारों को राहत प्रदान की जाती है, लेकिन 21 मई दिन शनिवार से अस्पताल में लैब के बंद होने और एक सप्ताह के बाद भी नई लैब के न खुलने से मरीजों की परेशानियों और अधिक बढ़ गई हैं।

बता दें कि जिला मंडी में अल्ट्रासाउंड टेस्ट के लिए प्रदेश के अधिकतर जिलों से ज्यादा पैसे खर्चने पड़ रहे हैं, जिससे मरीजों को विभिन्न टेस्ट करवाने को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला मंडी में एक अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए करीब 11 सौ रुपए से 2000 रुपए तक व इससे ज्यादा भी अदा करने पड़ सकते हैं, लेकिन अन्य जिलों में देखा जाएं तो 750 से 950 रुपए तक अल्ट्रासाउंड के टेस्ट आराम से हो सकते हैं, लेकिन मरीजों की परेशानी का समझते हुए इस तरफ न प्रदेश सरकार ध्यान दे रही हैं और स्वास्थ्य विभाग। वहीं, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डा. देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा साइन किए गए एमओयू में नई कंपनी कृष्णा डायग्नोस्टिक्स को 25 मई तक अस्पतालों में लैब स्थापित करने के निर्देश थे, लेकिन अभी तक अस्पतालों में लैब शुरू नहीं हो पाई है। इस संबंध में कंपनी से बात कर जल्द से जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलाई जाएगी, जिससे मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए सुविधा प्रदान हो सके। (एचडीएम)

सरकारी लैब में साढ़े12 बजे बाद नहीं होते टेस्ट

सरकारी निर्देशानुसार अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में दोपहर के साढ़े 12 बजे के बाद सभी प्रकार के टेस्ट बंद हो जाते हैं। इसके साथ जिन अस्पतालों में स्थापित लैब में साढ़े 12 बजे से सुबह साढ़े नौ बजे तक टेस्ट किए जाते हैं। जिसमें कुछेक टेस्ट में मरीजों को निशुल्क उपलब्ध होते हैं तो अन्य में कुछ प्रतिशत राहत प्रदान की जाती है, लेकिन नई कंपनी द्वारा लैब अभी तक भी न खोलने के कारण मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं और उन्हें निजी प्रयोशालाओं की तरह रूख करना पड़ रहा है।

21 से 25 मई के बीच स्थापित होनी थी लैब

सरकार के साथ साइन किए गए एमओयू के तहत कृष्णा डायग्नोस्टिक्स कंपनी को अपनी लैब अस्पतालों में 25 मई तक खोलने के निर्देश थे, लेकिन इस निर्धारित समय को बीते हुए तीन दिन का समय हो चुका है। इसके बाद भी अभी तक भी अस्पतालों में कंपनी ने अपनी लैब को स्थापित नहीं किया है। जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मंडी अस्पताल में 21 मार्च से बंद हैं अल्ट्रासाउंड
क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में 21 मार्च से अल्ट्रासाउंड टेस्ट सुविधा बंद पड़े है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्षेत्रीय अस्पताल मंडी से एक साथ 5 डॉक्टरों का तबादला नेरचौक मेडिकल कॉलेज के लिए कर दिया था। जिसमें दो रेडियोलोजिस्ट भी शामिल थे। जिसके बाद मंडी अस्पताल में बिना रेडियोलोजिस्ट के अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद हो गई। जिस कारण मरीजों को दो माह से अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाने को बाहरी लैबों में भटकने को मजबूर हो रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल की सरकारी लैब में 100 से 150 तक मरीजों के अल्ट्रासाउंड टेस्ट होते थे।


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