यासीन मलिक के केस से सबक लें अलगाववादी
हरिवंश राय बच्चन ने एक कविता में लिखा है कि ‘कठिन नहीं होता है बाहर की बाधा को दूर भगाना, कठिन नही होता है बाहर के बंधन को काट हटाना, गैरों से कहना क्या, मुश्किल अपने घर की राह सिधारे’। पाकिस्तान से निपटने से पहले भारत को देश के अंदर बैठे देश गद्दारों से निपटने के तौर-तरीके अमल में लाने चाहिए। खासतौर पर उन कश्मीरियों के लिए जो खाते-पीते तो भारत का हैं, लेकिन गुणगान पाकिस्तान का करके भारत के प्रति जहर उगलने से बाज नहीं आ रहे, जबकि कश्मीरियों की हमेशा भारत ने पाकिस्तान के जुल्मों से रक्षा की है। राजा हरि सिंह के समय में भी भारत ने कश्मीरियों की नापाक जुल्मों से रक्षा की थी। कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक बहुत से बेकसूर लोगों की मौत का कसूरवार है। उसको हुई सजा से अन्य अलगाववादियों को भी सबक लेना चाहिए।
-राजेश चौहान, सुजानपुर टीहरा
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