लैप्स नहीं होगा पिछला कांट्रैक्ट पीरियड, आखिर सुलझ गया इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर का विवाद

By: May 14th, 2022 12:03 am

 कार्मिक विभाग ने मंजूरी के लिए सीएम को भेजी फाइल
राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला
शिक्षा विभाग में इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के मामलों में पिछले कई महीनों से जारी विवाद अब सुलझ गया है। शिक्षा विभाग द्वारा कांट्रैक्ट पीरियड पर दोबारा से मामला उठाए जाने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक विभाग प्रबोध सक्सेना ने यह बात मान ली है और अब अपनी सिफारिश के साथ फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी है। इससे पहले इस पॉलिसी पर फैसला कैबिनेट में हुआ था, इसलिए मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी देना जरूरी था। यदि मुख्यमंत्री कार्यालय से अभी फाइल पर मंजूरी मिल गई, तो कैबिनेट से संशोधन बाद में अप्रूव करवाया जाएगा। कार्मिक विभाग से भेजी गई फाइल में अब यह प्रावधान किया गया है कि इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर होकर आए टीचर का कांट्रैक्ट पर पिछले स्टेशन पर लगाया गया कांटै्रक्ट पीरियड दूसरे जिला में आकर लैप्स नहीं होगा, उसे काउंट कर लिया जाएगा।

इससे इन शिक्षकों की रेगुलराइजेशन का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि कार्मिक विभाग ने सीनियोरिटी के लिए यह व्यवस्था की है कि इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर होकर दूसरे जिला में आए टीचर उस जिला में पहले से कार्यरत शिक्षकों के बाद प्लेस होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर में छूट देने के बाद जितने भी शिक्षक दूसरे जिलों में आए हैं, वह रेगुलर हो पाएंगे। इससे पहले शिक्षा विभाग में सात जिलों ने अपने यहां रेगुलराइजेशन कर दी है, जबकि पांच जिलों ने इन शिक्षकों को अभी तक रेगुलर नहीं किया है। इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए जिला कैडर के शिक्षकों जैसे जेबीटी और सी एंड वी के लिए 13 साल की अवधि होती थी, जिसे सरकार ने अब कम करके पांच साल कर दिया है, लेकिन म्यूच्यूअल ट्रांसफर में पांच साल की अवधि भी नहीं है। इसीलिए इस बार यह छूट मिलने के बाद बहुत से शिक्षक अपने जिलों में लौट आए हैं, लेकिन कार्मिक विभाग की 2016 की एक चि_ी का हवाला देते हुए पांच जिलों ने इनको रेगुलर नहीं किया था, क्योंकि इस चि_ी में कहा गया था कि एस्टेब्लिशमेंट बदलने पर कर्मचारी को नवनियुक्त माना जाएगा। शिक्षा सचिव डा. रजनीश ने पुष्टि की कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद यह मामला सुलझ गया है और निर्देश जल्द जारी हो जाएंगे।

जल्द जारी करें निर्देश

शुक्रवार को हिमाचल शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर भी शिक्षा सचिव डा. रजनीश से मिले और इस मामले में ज्ञापन दिया। उन्होंने शिक्षा सचिव से आग्रह किया कि राज्य सरकार की मंशा इस पॉलिसी के माध्यम से शिक्षकों को राहत देने की थी, लेकिन दो विभागों में उलझा कर इसे शिक्षकों के लिए सजा बना दिया है। इसलिए इस मामले में जल्द फैसला लिया जाए।


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