ब्यास की लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच

कुल्लू में पांच साइट्स पर रिवर राफ्टिंग का मजा ले रहे सैलानी, गर्मी से राहत पाने को पहाड़ों का रुख कर रहे पर्यटक

मोहर सिंह पुजारी — कुल्लू
सदानीरा ब्यास की लहरों में पर्यटक मेला लगा हुआ है। कल-कल करती ब्यास की जलधाराओं के ऊपर से हरे, नीले, पीले और लाल रंग की राफ्टें जब क्रम में चलती दिखाई देती हैं तो, लगता है कि नदी में मेला लगा होगा। जी हां जहां निचले क्षेत्रों में ताबड़तोड़ गर्मी से निजात पाने के लिए पर्यटक रोहतांग पहुंचकर सुकून प्राप्त कर रहे हैं। वहीं, जिला कुल्लू में देश के कौने कौने से यहां घूमने आने वाले सैलानी ब्यास की लहरों में राफ्टिंग करने का प्राथमिकता दे रहे हैं। लहरों में राफ्टिंग कर वे यहां के टुअर को यादगार बना रहे हैं। मनाली से लेकर झीड़ी तक पांच साईटों को राफ्टिंग के लिए अधिकृत किया गया है जहां इन दिनों पर्यटक राफ्टिंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि इससे पहले राफ्टिंग के लिए तीन ही साइटें थी, लेकिन अब साइटों को बढ़ाकर पांच कर दिया गया है।

विभाग ने लंबी साइटों को भी कम करके उसके अलग-अलग स्ट्रैच बना दिए हैं। पर्यटन विभाग के निदेशक ने हिमाचल प्रदेश रिवर राफ्टिंग नियम 2005 के नियम 6-ई के अंतर्गत ब्यास नदी पर बवेली से वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू, पिरड़ी से झीड़ी नजदीक नेचर पार्क, आरके पुल भुंतर बाइपास से झीड़ी, शाढ़ाबाई से झीड़ी नजदीक नेचर पार्क, राजकीय प्राथमिक पाठशाला रायसन से बंदरोल आदि साइटों को रिवर राफ्टिंग के लिए पास कर दिया है, जहां अब पर्यटक राफ्टिंग का आनंद ले रहे हैं। राफ्टिंग से जुड़ी करीब सौं एजेंसियां हंै, जिनके पास 600 से अधिक राफ्ट पंजीकृत हैं, जिसके माध्यम से उपरोक्त साइटों पर राफ्टिंग करवाई जा रही हैं और कुल्लू-मनाली आने वाले पर्यटक राफ्टिंग करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन दिनों दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, कलकत्ता, मद्रास, झारखंड, यूपी, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से कुल्लू-मनाली में पर्यटक पहुंच रहे हैं, जो सहासिक खेलों को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। कुल्लू जिला में अलग अलग साइटों में सोलंगनाला, मढ़ी, बड़ाग्रां क्षेत्र, गड़सा आदि स्थानों में पैराग्लाइडिंग करवाई जा रही है और यहां पर्यटक पैराग्लाइडिंग करने के लिए पहुंच रहे हैं और आसमान में उडऩे का आनंद ले रहे हैंं, जबकि इसके अलावा जिप लाइन सहित तमाम सहासिक खेलों की ओर भी सैलानियों का रुझान बढ़ रहा है।