ताल स्टेडियम बिझड़ी बना चरागाह
लाखों रुपए खर्च कर बनाया स्टेडियम दलदल में तबदील, खिलाड़ी हो रहे परेशान
नवनीत सोनी-बड़सर
लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया ताल स्टेडियम बिझड़ी रखरखाव के अभाव में चरागाह में तबदील हो चुका है। सरकारी धन व संपत्ति की बर्बादी कैसे की जाती है उसका जीता जागता उदाहरण इस स्टेडियम की दुर्दशा है। इससे पहले यह स्टेडियम दलदल के कारण भी चर्चा में आ चुका है तथा मीडिया में मामला उछलने के काफी दिनों बाद समस्या का समाधान हो पाया था। अब एक बार फिर से धन की इस बर्बादी के कारण स्थानीय लोग व्यथित हैं तथा लगातार इस समस्या को मीडिया के माध्यम से उठाने का प्रयास कर रहे हैं। स्टेडियम के बिलकुल साथ में खंड विकास कार्यालय स्थापित है, लेकिन यह विनाश लीला शायद अभी अधिकारियों के ध्यान में नहीं आ पाई है।
‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया ग्रुप द्वारा इस मुद्दे को प्रशासन व संबंधित अधिकारियों के ध्यान में कई बार लाया जा चुका है, लेकिन समस्या का हल अभी तक नहीं खोजा जा सका है, बल्कि हैरानी की बात यह है कि ढटवाल के केंद्र में स्थित इस स्टेडियम में लगातार कई सरकारी व गैर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं, लेकिन जिस उद्देश्य से इस स्टेडियम का निर्माण किया गया है वह पूरा नहीं हो पा रहा है। आज हालात यह हैं कि स्टेडियम के पेवेलियन में पुलिस सहायता कक्ष चलाया जा रहा है, जबकि ग्राउंड के बीचों बीच बड़े पैमाने पर घास उगी हुई है। साइड में लगाई गई टाइलें उखड़ गई हैं, जिससे सारा मंजर उजड़ा चमन जैसा लगता है। स्थानीय लोगों व खिलाडिय़ों का कहना है कि इस स्टेडियम के निर्माण पर अभी तक लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन खिलाडिय़ों के लिए यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। इस संदर्भ में एसडीएम बड़सर शशि पाल शर्मा का कहना है कि ताल स्टेडियम ग्रामीण क्षेत्र में खिलाडिय़ों की सुविधा कि लिए बनाया गया है। इसके उचित रखरखाव व कमियों को दूर करने के लिए खंड विकास अधिकारी व संबंधित पंचायत को लिखा जाएगा। (एचडीएम)