लूहरी-1 परियोजना के निर्माण का अग्रिम चरण शुरू

By: Jun 26th, 2022 12:55 am

एसजेवीएन अध्यक्ष-प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने परियोजना के डायवर्जन टनल का किया उद्घाटन
टीम-शिमला, रामपुृर बुशहर,आनी
लूहरी-1 परियोजना के निर्माण का अग्रिम चरण शुरू हो गया है। एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने शनिवार को अंतिम विस्फोट संपन्न करके 210 मेगावाट की लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना के नदी डायवर्जन का उद्घाटन किया। उन्होंने पेनस्टॉक के निर्माण का आरंभ तथा डायवर्जन टनल गेट्स के निर्माण कार्यों का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर एसपी बंसल, निदेशक (सिविल), आरएल नेगी, परियोजना प्रमुख सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। नंदलाल शर्मा ने बताया कि 617 मीटर लंबी डायवर्जन टनल का पूर्ण होना परियोजना के लिए अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि नदी के पानी को अब मोडऩे के बाद कॉफर डैम के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा और परियोजना को लक्ष्यल के अनुरूप चालू करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 210 मेगावाट लूहरी स्टेज -1 जलविद्युत परियोजना की आधारशिला दिनांक 27 दिसंबर, 2021 को रखी गई। उन्होंने नदी के दाहिने किनारे पर डैम, पावर हाउस और टेलरेस व्यवस्था के लिए चल रहे स्ट्रिपिंग कार्यों तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के डायवर्जन कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। नेशनल हाईवे डायवर्जन का कार्य अंतिम चरण में है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही नदी के बाएं किनारे पर डैम का निर्माण कार्य भी आरंभ हो जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों से सभी कंपोनेटों के निर्माण गतिविधियों को समय पर पूरा करने के लिए पूर्ण समर्पण और टीम भावना से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि लूहरी चरण-1 जल विद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 1810 करोड़ रुपए है और इसके पूरा होने पर सालाना 758 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा।

इस परियोजना से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में सालाना 6.1 लाख टन की भी कमी आएगी। उन्होंने आगे बताया कि लूहरी -1 परियोजना सामुदायिक संपत्ति सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास एवं लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्धक कराने के साथ साथ क्षेत्र के विकास में योगदान दे रही है। परियोजना के आसपास के क्षेत्र में कारपोरेट सामाजिक दायित्वस संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र सहित हिमाचल का कायाकल्पक करने में यह परियोजना विशेषतया प्रभावी भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने 84 मीटर लंबे स्टील ट्रस ब्रिज के निर्माण गतिविधियों का भी जायजा लिया। इस ब्रिज के बनने से परियोजना संबंधी निर्माण गतिविधियों में सुगमता आएगी और कुल्लू और शिमला जिले की जनता के लिए यह बेहद फायदेमंद रहेगा। एसजेवीएन के पास 31500 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है। कंपनी भारत, नेपाल और भूटान में नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन पर फोकस करने के साथ-साथ कई परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। बीते समय में कंपनी ने एक के बाद एक कई परियोजनाएं हासिल की है जिसके परिणामस्वजरूप यह वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को साकार करने के पथ पर तीव्रता से अग्रसर है।


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