बड़सर के वेटरिनरी अस्पताल राम भरोसे

By: Jun 26th, 2022 12:45 am

नहीं भरे जा रहे रिक्त पद, लोगों को पशुओं के टेस्ट करवाने के लिए करना पड़ रहा बाहर का रुख

नवनीत सोनी-बड़सर
बड़सर उपमंडल के तहत आने वाले वेटरिनरी अस्पतालों में पिछले काफी समय से स्वीकृत पद नहीं भरे गए हैं। इसके अलावा बड़सर उपमंडल के मुख्य वेटरिनरी अस्पताल में जानवरों के लिए रक्त संबंधी टेस्ट की सुविधा व एक्स-रे जैसी महत्त्वपूर्ण सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। लोगों को जानवरों का टेस्ट करवाने के लिए बाहर का रुख करना पड़ रहा है। अस्पतालों में टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी चल रही। बड़सर उपमंडल में आठ में से पांच वेटरिनरी फार्मासिस्ट के पद पिछले काफी लंबे समय से खाली चल रहे हैं, जिसमें दरकोटी, बुंबलू, बड़सर, गारली, धबडिय़ाना में कोई भी फार्मासिस्ट नहीं है। उपमंडलीय वेटरिनरी अस्पताल में पिछले दो साल से चीफ वेटरिनरी फार्मासिस्ट ही नहीं है। इसी के साथ वेटरिनरी फार्मासिस्ट का स्वीकृत पद भी पिछले करीब डेढ़ साल से रिक्त पड़ा है। ऐसी स्थिति में इलाज करने वाले डाक्टरों पर ही इस काम का बोझ भी आता है।

एक डाक्टर को फील्ड में जाकर जगह-जगह बीमार पशुओं को देखना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ डाटा एंट्री से लेकर दवाइयां देने तक का काम भी उन्हें बिना किसी की सहायता से करना पड़ता है। धूमल सरकार में हर पंचायत में एक वेटरिनरी डिस्पेंसरी खोली गई थी। दूसरी तरफ सरकार द्वारा स्वीकृत पदों को नहीं भरकर उन्हीं अनियमित लोगों से काम करवाया जा रहा है। ऐसे में जहां वर्तमान में जो स्टाफ काम कर रहा है उस पर अधिक बोझ पड़ता है। हर जिले में पशुओं के लिए एक पालीक्लीनिक होता है, जहां पर अधिक सुविधाओं के साथ अधिक डाक्टर काम करते हैं, लेकिन पूरे हमीरपुर जिला में पशुओं के लिए कभी कोई पोलीक्लीनिक बनाया ही नहीं गया। इस संदर्भ में डाक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि बुंबलू को छोड़ कर दरकोटी, गारली, धबडिय़ाना और बड़सर में फार्मासिस्ट की पोस्ट पिछले एक साल से रिक्त है, लेकिन हमने काम सुचारू रूप से चलाकर रखा हुआ है। पशुओं को हर संभव इलाज समय पर मुहैया करवाया जा रहा है। (एचडीएम)


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