परवाणू में डेंगू का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

कार्यालय सवंाददाता -नालागढ़
औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में डेंगू के करीब तीन दर्जन मामले आने के बाद नालागढ़ स्वास्थय विभाग भी अलर्ट हो गया है। अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन तौर पर शहर में फॉगिंग करने के लिए परिषद को पत्र लिखा है ताकि डेंगू से बचा जा सका। हालांकि क्षेत्र में अभी तक डेगू का कोई मामला नही आया है बावजूद इसके विभाग सतर्क हो गया है। जानकारी अनुसार परवाणू मेंं डेंगू की दस्तक के बाद नालागढ़ स्वास्थय विभाग भी चुस्त हो गया है। बीबीएन क्षेत्र में डेंगू न पनपे इसके लिए विभाग ने दोनों बददी व नालागढ़ परिषदों को फॉगिंग करने को कहा है। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में डेंगू के एलिजा विधि से किए टैस्ट में 200 के करीब मामले सामने आए थे।

यदि बात वर्ष 2018 की करें तो डेंगू के करीब 500 मामले डिटेक्ट हुए थे। इन्ही मामलो को ध्यान में रखते हुए स्वास्थय विभाग पहले से चौकन्ना हो गया है। बीएमओ डा. मनोज दीक्षित ने कहा कि कूलर आदि में रखा पानी साफ करना चाहिए और डेंगू बीमारी आमतौर पर घर के आसपास पानी जमा होने से होती है, क्योंकि पानी एकत्रित हो जाता है और इसमें मक्खी मच्छर पनपने लगते है और इसी बीच डेंगू मच्छर भी पैदा होता है। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए साफ सफाई का होना बहुत जरूरी है और पानी एक जगह पर जमा नहीं होना चाहिए।

बर्तनों को ढककर रखें और मच्छरदानियों का प्रयोग करें, वहीं पूरी बाजू वाले वस्त्र पहनने चाहिए। उन्होने कहा कि डेंगू की बीमारी एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से फैलती है तथा यह मच्छर खड़े पानी में पैदा होता है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वह अपने आसपास टायर, नारियल के खोल तथा खाली डिब्बों आदि में पानी को न रुकने दें। इसके अलावा घर के अंदर तथा बाहर भंडारित जल को सदैव ढक कर रखें। उन्होने कहा कि व्यक्तिगत सावधानी के द्वारा डेंगू से बचाव संभव है बशर्ते व्यक्ति इस विषय में आवश्यक सावधानी बरते। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द जैसी तकलीफों को हल्के में न लें तथा खुद इलाज करने की बजाय चिकित्सीय परामर्श लें। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्णतया सतर्क है तथा क्षेत्र में फागिंग के लिए दोनो नगर परिषदों को कहा गया है।