धर्मशाला की जिज्ञासा एशिया के 30 फ्यूचर लीडर में शुमार

By: Jun 22nd, 2022 12:08 am

 फोर्ब्स मैगजीन की अंडर-30 वर्ग की लिस्ट में हासिल किया मुकाम

 हार्वर्ड से डिग्री करने पर भी स्लम एरिया में जगा रहीं शिक्षा की लौ

पवन कुमार शर्मा — धर्मशाला

धर्मशाला की बेटी जिज्ञासा लाबरू ने फोर्ब्स मैगजीन में अंडर-30 वर्ग में एशिया के तीस फ्यूचर लीडर में स्थान बना कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। जिज्ञासा ने देश के विभिन्न राज्यों में पिछड़े क्षेत्रों व स्लम एरिया में शिक्षा की लौ जगाकर देश ही नहीं, विदेशों में भी ख्याति प्राप्त करते हुए युवा सामाजिक लीडर के रूप में पहचान बनाई है। वह दिल्ली, छतीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, पंजाब व हिमाचल में काम करती हैं। जिज्ञासा लाबरू, स्लैम आउट लाउड संस्था की सह-संस्थापक हैं। जिस दिन जिज्ञासा को फोर्ब्स की सूची में शामिल किया गया था, उसी दिन उन्होंने हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन से लर्निंग डिजाइन इनोवेशन टेक्नोलाजी में मास्टर की उपाधि प्राप्त की।  एशिया की ख्याति प्राप्त फोर्ब्स पत्रिका 30 साल से कम आयु के फ्यूचर लीडर को उनके विशेष प्रभाव के लिए स्थान देती है। इसमें कुल 30 युवाओं का ही चयन किया जाता है, जिसमें हिमाचल से जिज्ञासा ने स्थान बनाकर प्रदेश ही नहीं, देश का मान बढ़ाया है।

धर्मशाला में अपनी किशोरावस्था के बाद से, जिज्ञासा भारत में शिक्षा की स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए प्रयास कर रही हैं। वह मुख्य रूप से बच्चों की मदद करने व कला की क्षमता का दोहन करने में रुचि रखती हैं। जिज्ञासा ने  स्लैम आउट लाउड संस्था के माध्यम से कला को शिक्षा के केंद्र में वापस लाने की आवश्यकता पर काम शुरू किया है। शिक्षा के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में जिज्ञासा कहती हैं कि वह एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का सपना देखती हैं, जहां बच्चे सच्चे मन से अपनी रूह से सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा बनें। जहां हर बच्चा, उनकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना, सभी स्कूलों में रचनात्मक अभिव्यक्ति और कलात्मक अन्वेषण के लिए सुरक्षित स्थान पा सकता है। हार्वर्ड में एक साल रहने के बाद जिज्ञासा जुलाई में भारत वापस आकर शिक्षा व कला के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगी। वह हिमाचल सरकार और शिक्षा बोर्ड के साथ सहयोग करने में सक्षम होने के लिए विशेष रूप से इच्छुक हैं। जिससे  पूरे हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्रों को कलात्मक शिक्षा मिल सके। आने वाले वर्षों में वह भारत में और इसके सुदूर कोनों में स्लैम आउट लाउड का विस्तार करने की परिकल्पना करती हैं, जिससे बच्चे अपनी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि में सुधार ला सकें। (एचडीएम)

‘दिव्य हिमाचल’ का योगदान नहीं भूल सकती

जिज्ञासा ने बताया कि उन्हें दसवीं कक्षा में ही आगे बढ़ने के लिए मंच देने वाले ‘दिव्य हिमाचल’ समाचार पत्र को वह कभी नहीं भूल सकती। अक्तूबर 2007 में ‘दिव्य हिमाचल’ टीम के सहयोग से एयर इंडिया द्वारा सिंगापुर के एक एक्सपोजर टूअर के लिए उन्हें हिमाचल प्रदेश से चुना गया था। वह इसके लिए पूरा श्रेय ‘दिव्य हिमाचल’ को देती हैं। जिज्ञासा कहती हैं कि दसवीं में बड़ा मंच मिलने के बाद शिक्षा से जुड़े अपने सपनों को वह अलग-अलग तरह से पूरा कर पाई हैं।