शहर में तीसरे दिन मिल रहा पानी

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
शिमला में जलसंकट पूरी तरह से थमा नहीं है और प्री-मानसून की बारिशों के बावजूद पानी की राशनिंग खत्म नहीं हुई है। हालांकि अब एसजेपीएनएल की योजनाओं से 40 एमएलडी से अधिक पानी मुहैया हो रहा है, लेकिन बावजूद इसके पानी तीसरे दिन दिया जा रहा है। ऐसे में कई इलाकों के लोगों को पेयजल से महरूम होना पड़ता है। जानकारी के अनुसार शिमला शहर में पानी की किल्लत थोड़ी कम अवश्य हुई है, लेकिन समस्या अभी पूरी तरह से हल नहीं हो सकी है। एक ओर पर्यटक सीजन चरम पर है और दूसरी ओर पानी की राशनिंग होने से स्थानीय लोगों सहित होटल कारोबारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को शिमला शहर में एसजेपीएनएल की छह योजनाओं से 43.20 एमएलडी पानी मिला है।

इनमें गुम्मा से 21.40, गिरि से 17.72, चुरट से 1.20, सियोग से 0.02, चैयड़ से 0.60 व कोटी ब्रांडी से 2.26 एमएलडी पानी आया है। गुम्मा योजना के लिए एसजेपीएनएल ने अतिरिक्त योजना को जोड़ा हुआ है, जिससे इस अतिरिक्त योजना से पेयजल गुम्मा योजना पहुंच रहा है। एसजेपीएनएल का कहना है कि पहले निर्भरता समाप्त हो, तो शहर की जलापूर्ति को सुचारू बनाया जाएगा, जिसके लिए योजनाओं का जलस्तर बढऩा जरूरी है। शनिवार को शहर के पंथाघाटी, न्यू शिमला, बीसीएस डायमंड एरिया, निगम विहार, मजीठा हाउस, कनलोग, संजौली बाजार, इंजन घर, सांगटी, इंदरनगर, हिमगिरी, भराड़ी, लक्कड़ बाजार, नाभा, फागली, रामनगर,चौड़ा मैदान, टुटू, चक्कर में पानी की आपूर्ति नहीं हुई है।

पानी की सप्लाई में हो रहा सुधार
एसजेपीएनएल का कहना है कि पेयजल स्थिति में सुधार हो रहा है और योजनाओं का पानी भी बढ़ रहा है, लेकिन पेयजल आपूर्ति की निर्भरता पहले समाप्त होनी चाहिए और गुम्मा योजना को अतिरिक्त योजना से नहीं, अपितु जलस्तर बढऩे से पानी की स्थिति में सुधार होना चाहिए, वहीं शहर में प्रभावित क्षेत्रों की जलापूर्ति सामान्य हो, तभी पानी की राशनिंग समाप्त होगी।