बड़ी बहन से आज मिलेगी मां शूलिनी

तीन दिन तक मां दुर्गा के घर रहेंगी सोलन की अधिष्ठात्री देवी,पालकी में बैठकर करेंगी शहर की परिक्रमा
सौरभ शर्मा-सोलन
सोलन की अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी आज पालकी में बैठकर अपनी बड़ी बहन मां दुर्गा से मिलने पहुंचेंगी। दो बहनों के इस मिलन के साथ ही राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले का आगाज़ हो जाएगा। मां शूलिनी अपने मंदिर से पालकी में बैठकर शहर की परिक्रमा करने के बाद गंज बाजार स्थित अपनी बड़ी बहन मां दुर्गा से मिलने पहुंचेंगी। मां शूलिनी तीन दिनों तक लोगों के दर्शानार्थ वहीं विराजमान रहेंगी। मेला 24 से 26 जून तक आयोजित होगा। देवभूमि के पारंपरिक एवं प्रसिद्ध मेलों में मां शूलिनी मेले का अपना एक अलग ही स्थान है। यह राज्य स्तरीय मेला 24 से 26 जून तक सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।
मेले का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा हुआ है। मां शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की कुल देवी मानी जाती है और मां शूलिनी देवी के नाम से ही सोलन का नामकरण हुआ है। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। शुरुआत में रियासत की राजधानी जौणाजी हुआ करती थी, उसके बाद कोटी को राजधानी बनाया गया और अंत में इस रियासत की राजधानी सोलन बनी। राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे। रियासत के विभिन्न शासकों के काल से ही माता शूलिनी का मेला आयोजित किया जा रहा है। मान्यता के अनुसार बघाट के शासक अपनी कुल देवी की प्रसन्नता के लिए प्रतिवर्ष मेले का आयोजन करते थे। लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के प्रसन्न होने पर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता है बल्कि खुशहाली आती है और मेले की यह परंपरा आज भी कायम है। मां शूलिनी की अपार कृपा के कारण ही शहर दिन-प्रतिदिन सुख व समृद्धि की ओर से अग्रसर है। पहले यह मेला केवल एक दिन ही मनाया जाता था लेकिन सोलन जिला के अस्तित्व में आने के पश्चात इसका सांस्कृतिक महत्व बनाए रखने, आकर्षक बनाने व पर्यटन दृष्टि से बढ़ावा देने के लिए इसे राज्य स्तरीय मेले का दर्जा प्रदान किया गया। अब यह मेला तीन दिनों तक मनाया जाता ही है। (एचडीएम)
दुल्हन की तरह सजा शहर
तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मेले के लिए शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शहर के पुराने बस स्टैंड से मालरोड और उपायुक्त चौक से मेला स्थल ठोडो ग्राऊंड व बाइपास तक दोनों ओर बिजली की चमचमाती लडिय़ां लगाई गई हैं। इन लाइटों से रात के समय शहर का नजारा देखते ही बनता है। वहीं, मां शूलिनी के दरबार को भी भव्य रूप से सजाया गया है। प्रशासन ने भी अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और मेला स्थल पर लगने वाले स्टालों के लिए भी स्थान चिन्हित कर दिए गए हैं। इसके अलावा शहर में ट्रैफिक व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल शहर के कोने-कोने में तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ निकलेगी शोभायात्रा
मेले का शुभारंभ मां शूलिनी की भव्य शोभायात्रा के साथ होता है। इस शोभायात्रा में मां की पालकी को शहर में घुमाया जाता है। इसमें विभिन्न धार्मिक झांकियां भी निकाली जाती हैं। पारंपरिक वाद्य यंत्रों व लोक धुनों के बीच जब माता की पालकी शहर में निकलती है तो दृश्य देखते ही बनता है। शोभायात्रा के संपन्न होने के बाद माता की पालकी को शहर के दुर्गा माता मंदिर में लोगों के दर्शनार्थ रखा जाता है। इन तीन दिनों तक माता अपनी बड़ी बहन दुर्गा के घर पर रहती हैं और मेला संपन्न होने पर अपने मंदिर में वापस लौटती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल होंगे मुख्यातिथि
आज से शुरू हो रहे तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले का शुभारंभ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल करेंगे। वह दोपहर में मां शूलिनी की पूजा-अर्चना कर निकाली जाने वाली शोभायात्रा में शामिल होंगे और पुरानी कचहरी चौक पर मां का स्वागत करेंगे। इसके अलावा वे विभिन्न खेलों सहित विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का उद्घाटन भी करेंगे।
हंसराज रघुवंशी बिखरेंगे आवाज का जादू
मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध गायक हंसराज रघुंवशी अपनी आवाज का जादू बिखरेंगे। इसके अलावा दलीप सिरमौरी व इंडियन आइडल फेम अंकुश भारद्वाज भी अपने गीतों पर दर्शकों को नाचने के लिए विवश करेंगे। इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहेंगे।