शिक्षा के हब पर फायरिंग का कलंक

हमीरपुर में गोलीकांड ने खड़े कर दिए कई तरह के सवाल, कुछ ही दिनों में सामने आया दूसरा वाक्या

सुरेंद्र ठाकुर-हमीरपुर
जिला में सरेआम आधी रात को गोलीकांड का वाक्या सामने आना शिक्षा के हब हमीरपुर के लिए दुभाग्यपूर्ण है। कहीं ऐसा तो नहीं कि नशे का प्रचलन इन वारदातों को अंजाम दे रहा है। मुंडखर में रात को पेश आया फायरिंग का मामला पहला नहीं है। कुछ दिन पहले ही सदर थाना के तहत एक गांव में आधी रात को मकान पर गोली चली थी। हालांकि उसमें कई तरह के तर्क दिए गए। किसी ने कहा कि जंगली जानवर का शिकार करते हुए ऐसा हुआ होगा, लेकिन सच्चाई किसी को पता नहीं चल पाई। अब एक बार फिर आधी रात को घर में सो रहे परिवार के मकान पर गोलियां बरसाना कानून का सरेआम उल्लंघन है। आखिर कैसे किसी को अपनी बंदूक से सरेआम गोलियां चलाने की इजाजत मिल सकती है। क्या कानून का सिकी को कोई भय नहीं। वहीं शायद पुलिस को भी चौकसी चाक चौबंद करने की जरूरी है। मुंडखर यह वही इलाका है जहां पर कुछ वर्ष पूर्व एक ट्रैक्सी ड्राइवर का भी मर्डर हुआ था।

उस मर्डर की गुत्थी में आज दिन तक नहीं सुलझ पाई। अब एक बार फिर मुंडखर इलाका रात के समय हुई फायरिंग से चर्चाओं में आ गया है। जाहू से कुछ दूरी पर ही मुंडखर पड़ता है। कुछ ही दिनों में फायरिंग की दूसरी वारदात ने पुलिस महकमे के लिए भी चिंता पैदा कर दी है। ऐसा होने का कारण नशा भी माना जा रहा है। घातक नशा समाज की रंगों में पहुंच रहा है। चिकित्सक भी इस बात को मानते हैं कि जो व्यक्ति घातक नशा करता है वह कई खौफनाक कदम उठा लेता है, तो कहीं ऐसा तो नहीं कि नशाखोरी की वजह से ही सबसे शिक्षित जिला कलंकित हो रहा है। फिलहाल यह जांच का विषय है। फिलहाल शिकायत के बाद पुलिस ने एक आरोपी को हिरास्त में ले रखा है। यही मामले का सारा पटाक्षेप करेगा। यदि इससे कोई सुराग पुलिस को मिला तो फिर मामले में महकमे के लिए लीड होगी। इस फायरिंग ने समाज की शांतिभंग करने का भी काम किया है। सरेआम इस तरह के वाक्या ने बुद्धिजीवी वर्ग के माथे पर चिंताओं की लकीरें ला दी हैं। (एचडीएम)