रोहतांग की तर्ज पर विकसित होंगे देवथल-चांदपुरधार

सिरमौर जिला में ‘नई राहें नई मंजिलें’ योजना के तहत टूरिज्म प्वाइंट पर खर्च हो रहे 11.48 करोड़, पर्यटन कारोबार को मिलेगी रफ्तार

सूरत पुंडीर-नाहन
हिमाचल व देश के पर्यटन के मानचित्र पर जिला सिरमौर को भी नए पंख लग रहे हैं। शीघ्र ही सिरमौर जिला के देवथल व चांदपुर को कुल्लू मनाली के रोहतांग की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। देवथल को हिमाचल के चंद इको विलेज में शामिल किया गया है तथा सरकार व पर्यटन विभाग के प्रयास से जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के चांदपुरधार व देवथल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। सिरमौर जिला क्योंकि पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व चंडीगढ़ के समीप है ऐसे में भारी संख्या में पर्यटक प्रतिवर्ष जिला सिरमौर की ओर रूख करते हैं। सिरमौर जिला की पहाडिय़ों पर देवदार, चीड़, बुरांस के घने जंगल व हरी-भरी पहाडिय़ां बर्बस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन शहर की बात करें तो नाहन शहर ऐसा केंद्र बिंदू है जहां पर चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, अंबाला, यमुनानगर व पड़ोसी राज्यों से पर्यटक चंद घंटों में पहुंच सकते हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार व पर्यटन विभाग की नई राहें नई मंजिलें योजना के तहत सिरमौर जिला के दो दर्जन से अधिक ऐसे स्थानों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं। भविष्य में किस प्रकार सिरमौर जिला को पर्यटन के मानचित्र पर ओर अधिक विकसित किया जाए इसके लिए प्रदेश सरकार व पर्यटन विभाग नई राहें नई मंजिलें योजना के तहत जिला में 11.48 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर रही है। जिला सिरमौर के सहायक पर्यटन अधिकारी राजीव मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत सिरमौर जिला में सभी पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इसमें उत्तर भारत का प्रमुख धार्मिक स्थल चूड़धार, हरिपुरधार, श्रीरेणुकाजी, गत्ताधार क्षेत्र ऐसे हैं जो रेणुका विधानसभा क्षेत्र के तहत विकसित किए जा रहे हैं। इसके अलावा राजगढ़ क्षेत्र के सैरजगास में पैराग्लाइडिंग को जहां विकसित किया जा रहा है तो वहीं देवठी मझगांव, हाब्बन आदि क्षेत्र भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जा रहे हैं।

नाहन विधानसभा क्षेत्र क्योंकि जिला मुख्यालय है ऐसे में नाहन से मात्र पांच से सात किलोमीटर दूर ऐतिहासिक पौड़ीवाला शिव मंदिर, हरियाणा की सीमा पर स्थित आदीबद्री स्थान पर मंतरा माता मंदिर के अलावा पांवटा साहिब में शेरजंग नेशनल पार्क को ‘नई राहें नई मंजिल’ योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। सिरमौर जिला के सहायक पर्यटन विकास अधिकारी राजीव मिश्रा ने बताया कि इसके अलावा सिरमौर रियासत के दौरान रियासत की राजधानी के नाम से सतौन के समीप स्थित सिरमौरी ताल को सिरमौर वन विहार के नाम से विकसित किया जा रहा है। …(एचडीएम)

धार्मिक स्थल भी हैं आकर्षण का केंद्र
सिरमौर जिला के श्रीरेणुकाजी स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील माता रेणुका व भगवान परशुराम के मां-बेटे के मिलन का स्थान है। तो वहीं नाहन स्थित गुरुद्वारा श्री दशमेश अस्थान, गुरु की नगरी पांवटा साहिब स्थित गुरुद्वारा ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां पर सिक्खों के गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने जीवन काल के कई वर्ष बिताए थे। इसके अलावा पांवटा साहिब स्थित देईजी साहिबा मंदिर, नाहन स्थित मियां मंदिर, नाहन कालीस्थान मंदिर, उत्तर भारत की प्रमुख शक्तिपीठ माता बालासुंदरी मंदिर धार्मिक पर्यटकों के आकर्षण का
केंद्र है।