खाद्य तेल आयात पर सीमा शुल्क में रियायत मार्च 2023 तक बढ़ी

नई दिल्ली। सरकार ने देश में खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से इनके आयात पर सीमा शुल्क में रियायत की अवधि छह माह बढ़ाकर आगामी मार्च तक कर दी है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस संबंध में गत 31 अगस्त को जारी अधिसूचना के प्रावधानों को आगामी मार्च तक बढ़ा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य घरेलू आपूर्ति बढ़ाना और कीमतों को नियंत्रण में रखना है।

सरकार का कहना है कि खाद्य तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट और आयात शुल्क में कमी के कारण देश में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आई है। कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मौजूदा शुल्क व्यवस्था में आगामी 31 मार्च तक कोई बदलाव नहीं होगा। पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कच्ची किस्मों पर आयात शुल्क फिलहाल शून्य है। हालांकि, 5 प्रतिशत कृषि और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए, इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 प्रतिशत तक पहुँच जाता है।

पामोलिन और रिफाइंड पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 प्रतिशत है। इसलिए, प्रभावी शुल्क 13.75 प्रतिशत है। परिष्कृत सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के लिए, मूल सीमा शुल्क 17.5 प्रतिशत है और 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी शुल्क 19.25 प्रतिशत होता है।